पर्यावरण के प्रति जागरूक प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए कुविवि ने कराया ऊर्जा ऑडिट

नैनीताल, 10 अप्रैल (हि.स.)। कुमाऊं विश्वविद्यालय ने अपने दोनों परिसरों में ऊर्जा संरक्षण, ऊर्जा दक्षता में सुधार और नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकी को अपनाने की रणनीतियों को ध्यान में रखते हुए एक व्यापक हरित पर्यावरण और ऊर्जा ऑडिट करवाया है। ईएचएस एलायंस सर्विसेज द्वारा किये गए इस ऑडिट का उद्देश्य विश्वविद्यालय समुदाय के भीतर पर्यावरण के प्रति जागरूक प्रथाओं को बढ़ावा देना है।

आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ट-आईक्यूएसी के निदेशक प्रो.संतोष कुमार और ग्रीन एनर्जी ऑडिट की समन्वयक प्रो.गीता तिवारी के नेतृत्व में ईएचएस एलायंस सर्विसेज द्वारा किये गए हरित पर्यावरण और ऊर्जा ऑडिट में ऊर्जा की खपत को कम करने, कार्बन उत्सर्जन को कम करने और ऊर्जा दक्षता में सुधार के लिए क्षेत्रों की पहचान की गई।

इसका एक उद्देश्य विश्वविद्यालय में ऊर्जा खपत की क्षमता को 20 फीसद तक कम करना भी है। इसे प्राप्त करने के लिए ऑडिट टीम द्वारा सोलर एनर्जी का उपयोग करने और वॉशरूम और गलियारों में मोशन सेंसर बल्ब स्थापित करने जैसे उपायों को लागू करने की सिफारिश की गई है।

इस ऑडिट में जल संरक्षण के महत्व पर भी जोर दिया गया। इसके तहत व्यक्तिगत पानी की खपत की गणना करने के लिए छात्रावासों में पानी के मीटरों की नियमित निगरानी का प्रस्ताव रखा गया, जिसका लक्ष्य प्रति व्यक्ति 135 लीटर से अधिक पानी का उपयोग नहीं होना चाहिए। इस अवसर पर कुलपति प्रो.दीवान रावत ने कहा कि विश्वविद्यालय पर्यावरणीय प्रबंधन और सतत विकास के प्रति प्रतिबद्ध है। ऑडिट की सिफारिशों को लागू करके, विश्वविद्यालय अन्य शैक्षणिक संस्थानों के लिए हरित, अधिक टिकाऊ भविष्य हेतु मिसाल बनने का प्रयास करेगा। कुलपति प्रो. रावत ने कहा कि हरित पर्यावरण के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाने और ईंधन बचाने के लिए विश्वविद्यालय शीघ्र ही हर महीने में एक दिन ‘नो व्हीकल डे’ यानी वाहन रहित दिन का पालन करेगा।

इस अवसर पर डीएसबी परिसर की निदेशक प्रो.नीता बोरा शर्मा, प्रो.नीलू लोधियाल, प्रो.आशीष तिवारी, डॉ.दीपाक्षी जोशी, डॉ.हृदयेश कुमार, डॉ.हर्ष चौहान, डॉ.मनीषा सांगुड़ी और डॉ.निर्मित साह आदि उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/डॉ.नवीन जोशी/सत्यवान/रामानुज

   

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