नक्सली अपने संगठन का मनोबल बढ़ाने के लिए बंद का करते रहते हैं आह्वान : सुंदरराज पी.

विगत तीन महीनों में 50 से अधिक नक्सलियों के मारे जाने के कारण लगातार बंद के आह्वान का जारी है सिलसिला

जगदलपुर, 12 अप्रैल (हि.स.)। नक्सल प्रभावित बस्तर लोकसभा सीट में पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को संपन्न होगा। यहां शांतिपूर्वक चुनाव संपन्न कराना सुरक्षाबलों और प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है। लोकसभा चुनाव से पहले हुए मुठभेड़ों में जवानों ने कई दुर्दांत इनामी नक्सलियों सहित 50 से अधिक नक्सलियों को मार गिराया है। इसकी पुष्टि स्वयं नक्सली संगठन के केंद्रीय कमेटी के मध्य रीजनल ब्यूरो के प्रवक्ता प्रताप ने बीते दिन प्रेस नोट जारी कर पिछले 03 माह में पुलिस के साथ हुए अलग-अलग मुठभेड़ों में 50 नक्सलियों के मारे जाने की बात स्वीकार की है। इतनी बड़ी संख्या में नक्सलियों के मारे जाने से बौखलाए नक्सलियों ने 15 अप्रैल को बस्तर, छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र और ओडिशा में भी बंद का आह्वान किया है। वहीं पुलिस व फोर्स लगातार सर्चिंग कर रही है। ऐसे में देखा जाना बाकी है कि बस्तर में 15 अप्रैल को नक्सलियों द्वारा बुलाया गया बंद कितना सफल-असफल होता है।

बस्तर आईजी सुंदरराज पी. ने शुक्रवार को पत्रकारवार्ता में 50 नक्सलियों के मारे जाने के नक्सली संगठन के स्वीकोरोक्ति पर उन्होंने बताया कि 01 जनवरी 2024 से अब तक बस्तर संभाग में हुए अलग-अलग मुठभेड़ों में 48 से अधिक नक्सलियों के शव बरामद किया गया है। साथ ही अन्य मुठभेड़ों में शव बरामद नहीं किए जा सके, लेकिन नक्सलियों ने मुठभेड़ में मौत की बात स्वीकार की है। जैसे टेकलगुड़ा और धर्मावराम के मुठभेड़ों में नक्सलियों के शव बरामद नहीं हुए थे। उन्होंने कहा कि विगत तीन माह में हुए मुठभेड़ों में नक्सलियों को बड़ा नुकसान हुआ है, इससे नक्सलियों के कैडरों में काफी विपरीत असर देखने को मिल रहा है। जिसके परिणाम स्वरूप बड़ी संख्या में नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं।

बस्तर आईजी ने बताया कि जब भी नक्सलियों के कमजोर पड़ने की बात उजागर होने लगता है, तब अपने संगठन का मनोबल बढ़ाने के लिए समय-समय पर बस्तर बंद करने का आह्वान करते हैं। इसी कड़ी में 15 अप्रैल को बंद का आह्वान किया गया है। लेकिन अब नक्सलियों के बंद का समर्थन स्थानीय नागरिकों की ओर से नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विगत तीन महीनों में 50 से अधिक नक्सलियों के मारे जाने के कारण नक्सली लगातार बस्तर बंद का आह्वान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि नक्सल प्रभवित अंदरूनी इलाकों में सर्चिंग अभियान तेज कर दिया गया है, ताकि नक्सलियों के नापाक मंसूबों को विफल कर आम नागरिकों की सुरक्षा की जाए। बस्तर आईजी ने बस्तरवासियों से अपील की है कि कोई भी नक्सलियों के बंद को समर्थन ना करें, सभी अपना काम करें, दुकानें खोलें, क्योंकि बस्तर पुलिस आपकी सुरक्षा के लिए तैनात है।

हिन्दुस्थान समाचार/ राकेश पांडे

   

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