धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष प्राप्ति का सर्वोत्तम साधन है श्रीमद् देवी भागवतः आलोक गिरि

हरिद्वार, 12 अप्रैल (हि.स.)। स्वामी आलोक गिरि महाराज ने कहा कि श्रीमद् देवी भागवत महापुराण कथा धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति के लिए यह सर्वोत्तम साधन है। नवरात्र में देवी भागवत कथा सुनने का विशेष महत्व है, इस कथा को सुनने से समस्त पाप कट जाते हैं।

नवरात्रि में नौ दिन तक इसका श्रवण, अनुष्ठान करने पर मनुष्य सभी पुण्य कर्मों से अधिक फल पा लेते हैं, इसलिए इसे नवाहन यज्ञ भी कहा गया है, जिसका उल्लेख देवी भागवत पुराण में खुद भगवान शंकर व सूतजी ने किया है। कहा गया है कि जो दूषित विचार वाले पापी, मूर्ख, मित्र द्रोही, वेद व पर निंदा करने वाले, हिंसक और नास्तिक हैं, वे भी इस नवाह यज्ञ से भुक्ति और मुक्ति को प्राप्त कर लेते हैं।

श्री बालाजी धाम सिद्धबलि हनुमान नर्मदेश्वर महादेव मंदिर के प्रांगण में चल रही श्रीमद्देवी भागवत कथा के चतुर्थ दिवस पर कथा व्यास पं सोहन चंद्र ढौण्डियाल ने भक्तों को कथा का रसपान कराते हुए कहा कि देवी भागवत पुराण के अनुसार जो पुरुष देवी भागवत के 1 श्लोक का भी भक्ति भाव से नित्य पाठ करता है, उस पर देवी प्रसन्न होती हैं। महामारी व भूत प्रेत बाधा मिट जाती है। पुत्र हीन पुत्रवान, गरीब धनवान और रोगी आरोग्य वान हो जाता है। इसका पाठ करने वाला यदि ब्राह्मण हो तो प्रकांड विद्वान, क्षत्रिय हो तो महान शूरवीर, वैश्य हो तो प्रचुर धनाढ्य और शूद्र हो तो अपने कुल में सर्वोत्तम हो जाता है। पंडित सोहन चंद्र ढौण्डियाल ने कहा कि भागवत नवरात्रि में सुननी चाहिए। भागवत में खुद सूतजी ने कहा कि है कि चार नवरात्रि में इस पुराण का श्रवण करना चाहिए। जेष्ठ मास से लेकर 6 महीने पुराण सुनने के लिए उत्तम है। इसमें हस्त, अश्विनी, मूल, पुष्य, रोहिणी, श्रवण एवं मृगशिरा तथा अनुराधा नक्षत्र पुण्यतिथि और शुभ ग्रह व वार देखकर कथा सुनना उत्तम है। हालांकि अन्य महीनों में भी इसे सुना जा सकता है। पर उसमें भी तिथि, नक्षत्र और दिन का विचार जरूर कर लेना चाहिए।

हिन्दुस्थान समाचार/ रजनीकांत/सुनील

   

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