राज्यपाल आनंदीबेन ने गोद लिये गांवों को एक्सटेंशन गतिविधियों का लाभ देने पर दिया जोर

लखनऊ, 12 अप्रैल (हि.स.)। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने राजभवन से ऑनलाइन जुड़कर सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, मेरठ के नैक हेतु प्रस्तुतिकरण की समीक्षा की।

राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं को नैक ग्रेड का महत्व बताने, फीडबैक देने और उनके फीडबैक के अनुसार अपेक्षित सुधार प्राथमिकता से करने को कहा। उन्होंने विश्वविद्यालय को परिसर से बाहर की गई एक्सटेंशन गतिविधियां विवरण में जोड़ने, गोद लिए गांवों को एक्सटेंशन गतिविधियों का लाभ देने पर जोर दिया।

चौथे क्राइटेरिया की समीक्षा के दौरान राज्यपाल ने प्रमाण में चयनित अधिकतम तीन या चार फोटो लगाने को कहा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक फोटो में गतिविधि का विवरण कैप्शन में अवश्य लगाएं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की सभी विशेषताओं का विवरण में प्राथमिकता से उल्लेख करें। उन्होंने विश्वविद्यालय के कुलपति से प्रत्येक क्राइटेरिया के प्रस्तुतिकरण की समीक्षा करने को कहा। उन्होंने कहा कि क्राइटेरिया तीन,छह और सात में समग्रता से सुधार किए जाने की आवश्यकता है।

प्रदेश के कृषि विश्वविद्यालयों द्वारा अपनी राष्ट्रीय रैंकिंग निर्धारण की प्रक्रिया में नैक के लिए आवेदन नहीं किया जा रहा था। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा प्रदेश के विश्वविद्यालयों में उच्च शैक्षणिक व्यवस्थाओं और गुणवत्ता सुधार के लिए युद्ध स्तर पर किए गए प्रयासों के क्रम में कृषि विश्वविद्यालयों को भी नैक ग्रेडिंग प्राप्त करने हेतु प्रोत्साहित किया गया। जिसके परिणाम स्वरूप कानपुर के चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने देश के 74 कृषि विश्वविद्यालयों में से सर्वप्रथम ‘बी प्लस‘ नैक ग्रेड हासिल कर नैक ग्रेडिंग प्राप्त पहला कृषि विश्वविद्यालय होने का दर्जा हासिल किया।

बैठक में अपर मुख्य सचिव राज्यपाल डॉ० सुधीर महादेव बोबडे, विशेष कार्याधिकारी शिक्षा डॉ0 पंकज जानी, विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो० के०के० सिंह सहित विश्वविद्यालय द्वारा नैक मूल्यांकन तैयारी के लिए गठित टीम के सदस्य तथा अन्य अधिकारी ऑनलाइन जुड़े थे।

हिन्दुस्थान समाचार/उपेन्द्र/राजेश

   

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