महोबा पत्थर मंडी को लंबे समय से रोडवेज बस स्टैंड की दरकार

महोबा, 13 अप्रैल (हि.स.)। उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी पत्थर मंडी बुंदेलखण्ड की धरती महोबा जिले के कबरई में है। कस्बा से दो-दो राष्ट्रीय राजमार्ग गुजरने के बावजूद भी यहां आज तक बस स्टैंड नहीं बन सका है। यहां के लोगों को लंबे समय से सरकारी बस स्टैंड बनने का इंतजार है। लोकसभा चुनाव के बीच जनपद की जनता बस स्टैंड की मांग को मुखरता से उठा रहे हैं।

बुंदेलखंड का महोबा जनपद वैसे तो अति पिछड़े क्षेत्र में आता है लेकिन यहां की पत्थर मंडी देश में अपना एक अलग स्थान रखती है। जहां से सरकार को करोड़ों रुपये राजस्व के रूप में प्राप्त होते हैं। कबरई कस्बा निवासी अजय राज, प्रेमचंद, गीता और सुनीता आदि का कहना है कि महोबा को जिला बने दो दशक से ज्यादा का समय बीत चुका है। कबरई कस्बा से कानपुर-सागर राष्ट्रीय राजमार्ग और झांसी-मिर्जापुर राष्ट्रीय राजमार्ग गुजरते हैं फिर भी यहां पर अभी तक रोडवेज बस स्टैंड नहीं बन सका है। यहां के लोग लंबे समय से बस स्टैंड की मांग कर रहे हैं लेकिन जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते अभी तक यहां की जनता के लिए बस स्टैंड का बनना सपने से कम नहीं है। देश के अलग-अलग राज्यों से लोग यहां व्यापार करने के मकसद से तो मजदूर अपना जीवन यापन करने के लिए पहुँचते हैं। अब लोकसभा चुनाव का समय नजदीक है, ऐसे में यहां के बाशिंदे रोडवेज बस स्टैंड की मांग को प्रमुखता से उठा रहे हैं। कस्बा की 50 हजार आबादी के बाद भी यहां पर बस स्टैंड बनाने की पैरवी में बरती गयी लापरवाही को उजागर करता है।

सीधे बस सेवा की मांग

पूर्व में उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में बस सेवा की शुरुआत कराई गई थी, जिसमें छोटे-छोटे गांव को बस सेवा से जोड़ा गया। लगभग दो दर्जन से ज्यादा गांव से बसों के संचालन की शुरुआत कराई गई, लेकिन पत्थर मंडी कबरई से बस सेवा नहीं शुरू हो सकी।

हिन्दुस्थान समाचार/ उपेंद्र/मोहित

   

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