एम्स में प्रतिभागियों को बताई गई मधुमेह रोगियों को होने वाली दिक्कतें

ऋषिकेश एम्स में आयोजित कार्यशाला छाया विक्रम ऋषिकेश एम्स में आयोजित कार्यशाला छाया विक्रम

-एम्स में मधुमेह रोग पर छह दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम

-ट्रेनिंग प्रोग्राम में उत्तराखंड, कलकत्ता, राजस्थान, दिल्ली की नर्सेस और डायटीशियन कर रहे प्रतिभाग

ऋषिकेश, 13 अप्रैल (हि.स.) ऋषिकेश एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर मीनू सिंह की देखरेख में आयोजित छठे डायबिटीज एजुकेशन ट्रेनिंग प्रोग्राम के तहत विशेषज्ञ चिकित्सकों ने मधुमेह रोगियों को होने वाली दिक्कतों पर व्याख्यान प्रस्तुत किया गया, जिसके माध्यम से प्रशिक्षणार्थियों को डायबिटीज से ग्रसित मरीजों की सहायता संबंधी जानकारियां दीं गईं।

शनिवार को आयोजित प्रशिक्षण कार्यशाला में डॉ. संतोष कुमार ने मधुमेह से ग्रसित मरीजों को होने वाली मानसिक दिक्कतों से प्रतिभागियों को अवगत कराया। उन्होंने बताया कि हमें मरीजों को सिर्फ दवा से ठीक ही नहीं करना है बल्कि स्वयं को मरीज की जगह रखकर सोचने और इस लिहाज से उन्हें बेहतर से बेहतर उपचार उपलब्ध कराना है।

डॉ. वेंकटेश पई ने मधुमेह ग्रसित मरीजों को होने वाले दर्द और उसके निवारण संबंधी जानकारियां दीं। डॉ. मुकेश बैरवा ने प्रतिभागियों को मधुमेह में होने वाली जटिलताओं के बारे में बताया और अस्पताल में भर्ती होने पर मरीज को दिए जाने वाले आवश्यक उपचार संबंधी जानकारियां दीं।

डॉ. राजेश कुमार ने ग्रसित मरीजों को होने वाली विभिन्न तरह की मानसिक बीमारियों पर चर्चा की। डॉ. बेल्सी ने मरीजों की काउंसलिंग और काउंसलिंग के लिए किस तरह के गुण होने चाहिए, जिससे हम उन्हें बेहतर सलाह दे पाएं आदि बिंदुओं से अवगत कराया।

डॉ. प्रसूना जैली ने गर्भावस्था में होने वाले मधुमेह को किस तरह से कंट्रोल किया जा सकता है। दीपिका चौहान ने हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स के लिए भारत और दुनिया के देशों में डायबिटिक काउंसलर के कोर्सेज और ट्रेंड डायबिटिक काउंसलर बनने के गुर सिखाए।

इस अवसर पर प्रशिक्षणार्थियों ने एंडोक्राइन लैब और गेट लैब का अवलोकन किया और मधुमेह ग्रसित रोगियों को प्रयोगशालाओं के माध्यम से मिलने वाली गेट थेरेपी के उपयोग और सहायता, पीड़ित मरीजों के पैरों में होने वाले जख्मों की नई तकनीकों की सहायता से बचाव संबंधी जानकारियां हासिल कीं।

हिन्दुस्थान समाचार/ विक्रम/सत्यवान/रामानुज

   

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