निजी स्कूलों को सुरक्षित वाहन के लिए देना होगा शपथ-पत्र

स्कूल मालिक और प्रिंसिपल होंगे वाहन फिटनेस के जिम्मेदार

चंडीगढ़,19 अप्रैल (हि.स.)। नारनौल जिले के कनीना में हुए स्कूल बस हादसे के बाद बच्चों की सुरक्षा को लेकर शिक्षा विभाग सतर्क हो गया है। अब स्कूल संचालकों को वाहन सुरक्षा पालिसी के पालन को लेकर शपथ-पत्र देना होगा।

माध्यमिक शिक्षा निदेशालय की ओर से शुक्रवार को राज्य के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निजी स्कूलों से एफिडेविड लेने के निर्देश दिए हैं। शपथ पत्र के जरिए स्कूल मालिक और प्रिंसीपल यह सुनिश्चित करेंगे कि स्कूल वाहन फिटनेस मानक पूरे करता है। यही नहीं अनुबंध पर लिए गए वाहनों की जवाबदेही भी निजी स्कूलों की होगी।

राज्यभर में 15 हजार निजी स्कूल हैं, जिनमें तकरीबन 41 हजार वाहन बच्चों को लाने व ले-जाने का काम कर रहे हैं। बाकायद यह वाहन परिवहन विभाग के पास पंजीकृत हैं। इनमें से तकरीबन 20 फीसदी वाहनों की पासिंग तीन से चार वर्ष से नहीं हुई तो 40 फीसदी वाहन फिटनेस मानकों पर खरा नहीं उतर रहे हैं।

सरकार की ओर से स्कूल संचालकों पर ढिलाई बरतते हुए एक सप्ताह के भीतर नियमों को पूरा करने का समय दिया गया है। इसके बाद परिवहन और शिक्षा विभाग की ओर से संयुक्त रूप से विशेष अभियान चलाया जाएगा।

निजी स्कूल संचालकों को सुरक्षित वाहन पालिसी को जिला शिक्षा अधिकारियों को दिए जाने वाले शपथ-पत्र में स्कूल की मान्यता के साथ रजिस्ट्रेशन नंबर का उल्लेख करना अनिवार्य है। इसके साथ ही विद्यार्थियों के लिए लगाए गए वाहनों, बस, जीप, आटो, मिनी बस के प्रकार और इनमें बच्चों की बैठने की क्षमता के साथ रजिस्ट्रेशन नंबर और फिटनेस सर्टिफिकेट की मान्यता अवधि की जानकारी देना अनिवार्य है। इसके अलावा शपथ पत्र में निजी स्कूलों को यह भी उल्लेख करना होगा कि वाहन स्कूल का है या फिर किराये पर लिया गया है। शपथ-पत्र के बाद ही वाहनों का विशेष जांच अभियान चलाया जाएगा। परिवहन सचिवों के साथ डीईओ और खंड शिक्षा अधिकारी स्कूल वाहनों की फिटनेस जांचेंगे। मानकों को पूरा नहीं करने वाले वाहनों का चालान करने के साथ इंपाउंड भी किया जाएगा।

हिन्दुस्थान समाचार/संजीव/सुनील

   

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