आरटीई नियमों में बड़ा बदलाव, अब केवल पीपी-3 और कक्षा 1 में ही मिलेगा निशुल्क प्रवेश

जयपुर, 18 जुलाई (हि.स.)। सरकार ने शैक्षिक सत्र 2025-26 के लिए नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत बड़ा बदलाव करते हुए पूर्व-प्राथमिक शिक्षा में प्रवेश नियमों को सीमित कर दिया है। अब राज्य के निजी स्कूलों में आरटीई के तहत निशुल्क प्रवेश केवल पीपी-3 (यूकेजी) और कक्षा-1 में ही संभव होगा।

माध्यमिक शिक्षा निदेशक सीताराम जाट ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों (प्रारंभिक एवं माध्यमिक) को निर्देश जारी कर स्पष्ट किया है कि पूर्व-प्राथमिक स्तर की अन्य कक्षाओं जैसे पीपी-1 और पीपी-2 (एलकेजी व यूकेजी-2) में अब फीस पुनर्भरण की अनुमति नहीं दी जाएगी। सभी निजी स्कूलों को इस फैसले की जानकारी तत्काल देने के निर्देश दिए गए हैं।

यह कदम आरटीई के दायरे को सीमित करते हुए पुनर्भरण प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने की दिशा में अहम माना जा रहा है। शिक्षा विभाग ने कहा है कि किसी भी स्कूल द्वारा यदि नियमों का उल्लंघन किया जाता है, जैसे आरटीई प्रवेश से इनकार करना या फीस की मांग करना, तो उनके खिलाफ राजस्थान गैर-सरकारी शैक्षिक संस्था अधिनियम के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।

राज्य में आरटीई के तहत पहली कक्षा में प्रवेश को लेकर 1.5 लाख से अधिक बच्चों का नामांकन अटका हुआ है।

कई अभिभावकों ने स्कूलों द्वारा आरटीई नियमों के उल्लंघन की शिकायतें की हैं, जिससे व्यापक असंतोष है।

शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि अब केवल पीपी-3 और कक्षा-1 में ही आरटीई सीटों की स्वीकृति दी जाएगी। इससे नीचे की कक्षाओं में नामांकित बच्चों को आरटीई का लाभ नहीं मिलेगा।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह बदलाव आरटीई नीति की व्यवहारिकता और निगरानी को मजबूत करने के लिए जरूरी था, लेकिन इससे गरीब तबके के कुछ बच्चों को नुकसान हो सकता है, जो एलकेजी या यूकेजी स्तर पर निशुल्क शिक्षा की उम्मीद करते थे।

सरकार ने सभी अभिभावकों और स्कूल संचालकों से नए नियमों का पालन करने की अपील की है।

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हिन्दुस्थान समाचार / रोहित

   

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