मायावती के कहने पर डा. अशोक सिद्धार्थ ने  सरकारी नौकरी छोड़ ज्वाइन की थी पार्टी

लखनऊ, 12 फरवरी (हि.स.)। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने डा. अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से बाहर कर दिया । डा. अशोक, आकाश आनंद के ससुर हैं। वे मायावती के सबसे भरोसेमंद थे और उनके कहने पर ही सरकारी नौकर छोड़कर बसपा ज्वाइन की थी। उनके पार्टी से निकाले जाने के बाद तरह-तरह चर्चाएं शुरू हो गई हैं।

फर्रुखाबाद के कायमगंज के रहने वाले डा. अशोक सिद्धार्थ ने मेडिकल कॉलेज झांसी से आर्थोमेट्री डिप्लोमा किया हुआ। बसपा प्रमुख मायावती के कहने पर उन्होंने वर्ष 2007 में जिला कन्नौज के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनाती के दौरान इस्तीफा देकर पार्टी ज्वाइन की थी। उनके पिता बसपा संस्थापक कांशीराम के सहयोगी थे। पार्टी ज्वाइन करने के बाद डा. सिद्धार्थ ने बूथ लेवल कार्यकर्ता से काम शुरू किया और कानपुर-आगरा जोन के कोऑर्डिनेटर जैसे महत्वपूर्ण पद संभाला। पार्टी की ओर से वह पहली बार 2009 तथा दूसरी बार 2016 में एमएलसी रहे हैं। राज्यसभा सांसद तक बने थे।

इसके अलावा उन्होंने बसपा के राष्ट्रीय सचिव के पद के अलावा कर्नाटक, तमिलनाडु व केरल सहित पांच राज्यों का प्रभार भी संभाला है। डॉ. सिद्धार्थ की पत्नी सुनीता सिद्धार्थ वर्ष 2007 से लेकर 2012 तक राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष रह चुकी हैं। डा. सिद्धार्थ के बेटी प्रज्ञा की शादी मायावती के भतीजे आकाश से हुई है। इस लिहाज से वे मायावती के समधी हो गये। चर्चा है कि यह बात कुछ लोगों का अखरने लगी और उनके खिलाफ लग गये।

हिन्दुस्थान समाचार / दीपक

   

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