मानसून से पहले होगी नालों की सफाई या फिर भी सड़कों पर भरेगा पानी

जयपुर, 6 अप्रैल (हि.स.)। हर बार निगम मानसून के आने से पहले सभी नालों की सफाई का दावा करता है लेकिन उनके दावों की हकीकत की पोल बरसात खोल देती है। नालों की सफाई को लेकर निगम हर बार टेंडर देरी से करता है और फिर बारिश के दौरान भी नालों की सफाई का सिलसिला चलता रहता है। इस बार निगम ने गर्मी की शुरूआत के साथ ही नालों की सफाई शुरू कर दी है, लेकिन अब देखना यह है कि क्या दोनों निगम मानसून से पहले नालों की सफाई करवा पाता है या फिर भी सड़कें हर बार की भांति पानी से लबालब होती है।

गर्मी के बाद अब प्रदेश में मानसून की एंट्री जून माह के अंत तक होने वाली है। इससे पहले जयपुर शहर में नालों की सफाई का काम अपने शुरूआती चरण में हैं। जयपुर में एक हजार से ज्यादा छोटे बड़े नाले है जिन्हें साफ किया जाना है। अक्सर हर साल मानसून के दौरान शहर में सड़कों पर जलभराव की समसयाएं देखी जाती है। नालों की सफाई और ड्रेनेज सिस्टम फेल होने की शिकायतें आम तौर पर देखी जाती रही। पहली बार दोनों नगर निगमों ने इस साल नालों की सफाई के कार्य के लिए फरवरी से ही टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। ग्रेटर नगर निगम में चार सौ किलोमीटर की लंबाई वाले करीब साढे सात सौ नाले है तो हैरिटेज निगम के सौ किलोमीटर लंबाई वाले करीब तीन सौ नालों में सफाई का काम शामिल है। निगम के प्रशासनिक अधिकारियों की माने तो इस बार समय रहते नालों की सफाई का काम पूरा कर लिया जाएगा। जेसीबी के जरिए नालों से रोज सैंकड़ों टन मलबा निकाला जाएगा। ऐसे स्थानों को विशेष रूप चिह्नित कर निर्देश दिए है कि दोनों नालों के जिन प्वाइंट्स पर पानी का बहाव ज्यादा रहता है, वहां पर नाले की निचली सतह तक सफाई कर मलबा निकाला जाए। प्रशासन का कहना है कि दोबारा अब नालों की सफाई की मॉनिटरिंग की जाएगी। नगर निगम प्रशासन ने हालांकि सफाई का काम तो शुरू कर दिया है, लेकिन कई स्थानों पर यह देखा गया है कि समय पर मलबा नहीं उठाया जा रहा है जो कि आमजन के साथ वाहन चालकों के लिए परेशानी का सबब बन रहा है। हेरिटेज निगम की गैराज शाखा के पास दो बडे नाले नागतलाई और ब्रहम्पुरी है। इसमें नाग तलाई नाले की लम्बा करीब 7.5 किमी तो वहीं ब्रहमपुरी नाला करीब 3.5 किमी लम्बा है।

इधर शहरवासियों की माने तो जयपुर में अगर इस बार भी भारी बारिश हुई तो तय मानिए, यह गंदे नाले उफनते नजर आएंगे। कई जगह पर हालात बाढ जैसे हो जाते है पिछले साल गाड़ियां तैरती नजर आई थी। जरा सी बारिश में पानी भरने के ऐसे हालात जयपुर के कई स्थानों पर देखने को मिले थे। जयपुर शहर के हालात यह है कि तेज बारिश के बाद शहर की सभी प्रमुख सड़कें बहने लग जाती है। चारदीवारी के अलावा बाकी जगहों पर हालात ज्यादा खराब होते हैं। सबसे बड़ी समस्या सीकर रोड बीआरटीएस कॉरिडोर, बीटू बाइपास, न्यू सांगानेर रोड, गोपालपुरा, टोंक रोड, जेएलएन मार्ग का कुछ हिस्सा, एमडी रोड, कालवाड़ रोड, बैनाड़ रोड, निवारू रोड, हवासड़क सहित अन्य सड़कों पर होती है।

हालांकि अब जेडीए शहर में पांच स्थानों पर ड्रेनेज सिस्टम तैयार करने में जुटा है, लेकिन इसे तैयार होने में तो अभी वक्त लगेगा। जयपुर के आम जन से लेकर जनप्रतिनिधियों का कहना है कि शहर जिस तरीके से विस्तार लेता जा रहा हैं, उस अनुरूप शहर में ड्रेनेज जैसे सिस्टम को समय रहते विकसित नहीं किए जाने पर आने वाले दिनों में समस्याएं बढ सकती हैं। नालों की सफाई में लापरवाही के आरोप भी लगाए जा रहे हैं तो साथ ही वार्डो में पार्षदों द्वारा सत्यापन नहीं करने पर भी नाराजगी जताई जा रही है। दोनों निगमों ने पिछले साल करोड़ो रुपयों में नालों की सफाई का काम पूरा किया था। बावजूद इसके सड़कों पर जगह-जगह बारिश का पानी भरा नजर आया। इस बार समय से पहले नालों की पूरी तरह सफाई के दावे जोर-शोर से किए जा रहे है देखना यही होगा कि मानसून की पहली बारिश आम जनता के लिए राहत देती है या फिर आफत.

किस जोन में कितने नाले

-हवामहल जोन- 190

-सिविल लाइन- 66

-किशनपोल - 45

-आदर्श नगर - 74

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हिन्दुस्थान समाचार / राजेश

   

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