जीजीएम साइंस कॉलेज ने पैलियोलोक्सोडोन जीवाश्म खोज पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया
- Neha Gupta
- Feb 14, 2025
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जम्मू, 14 फ़रवरी । जीजीएम साइंस कॉलेज, जम्मू के भूविज्ञान विभाग के पीजी विभाग ने पैलियोलोक्सोडोन जीवाश्म की हाल की खोज और कश्मीर में मानव सभ्यता की प्राचीनता को समझने के लिए इसके महत्वपूर्ण निहितार्थों पर प्रकाश डालते हुए एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को इस क्षेत्र में प्रारंभिक मानव बस्तियों और प्रागैतिहासिक वातावरण के पुनर्निर्माण में इस खोज के महत्व के बारे में शिक्षित करना था।
इस कार्यक्रम में 100 से अधिक स्नातकोत्तर और स्नातक छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया जिसमें जम्मू विश्वविद्यालय के प्रसिद्ध भूविज्ञानी प्रोफेसर जीएम भट मुख्य वक्ता के रूप में शामिल हुए। कार्यक्रम की शुरुआत भूविज्ञान विभाग के प्रमुख डॉ. मतीन हाफिज के गर्मजोशी भरे स्वागत भाषण से हुई जिन्होंने कश्मीर में प्रागैतिहासिक जीवन की हमारी समझ को गहरा करने में इस तरह के निष्कर्षों के महत्व पर जोर दिया। इस तरह की अकादमिक पहल को सुविधाजनक बनाने में उनके अटूट समर्थन के लिए कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. रोमेश कुमार गुप्ता की विशेष सराहना की गई।
अपने व्यावहारिक व्याख्यान में प्रो. जीएम भट ने कहा कि इस तरह की खोज कश्मीर में प्रागैतिहासिक जीवन की हमारी समझ को गहरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। भट्ट ने पैलियोलोक्सोडोन जीवाश्म के भूवैज्ञानिक और पुरापाषाणकालीन पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की तथा हाथी प्रजातियों के बीच एक गुम कड़ी के रूप में इसकी भूमिका के बारे में बताया। उन्होंने जीवाश्म के साथ पाए गए पत्थर के औजारों पर भी चर्चा की जिससे यह संभावना जताई गई कि प्रारंभिक मनुष्यों ने इन प्रागैतिहासिक हाथियों को काटा होगा। प्रो. भट्ट ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे इस तरह की खोजें मानव प्रवास, अनुकूलन और प्रागैतिहासिक वातावरण के साथ अंतःक्रिया में महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि प्रदान करती हैं।
इसके बाद एक आकर्षक प्रश्नोत्तर सत्र हुआ जिसमें छात्रों और संकाय सदस्यों को विशेषज्ञों के साथ बातचीत करने और विषय के बारे में अपनी समझ को गहरा करने का मौका मिला। इस कार्यक्रम में आयोजन समिति के सदस्यों की सक्रिय भागीदारी देखी गई जिनमें डॉ. राजेश कुमार, डॉ. संदीप कुमार, डॉ. मीनू शर्मा, डॉ. शिव पांडे, डॉ. अर्जुन सिंह, सुमित जौहर, डॉ. रौफ अहमद, डॉ. हनी शर्मा और डॉ. तनवीर अहमद शामिल थे।