पिछले 11 सालों में भारत की जीडीपी दोगुनी हुई, 2030 तक बनेगा तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था : हरदीप पुरी
- Admin Admin
- Jul 02, 2025
नई दिल्ली, 2 जुलाई (हि.स.)। केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने नई दिल्ली में इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) के 77वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले 11 वर्षों में भारत ने महत्वपूर्ण आर्थिक प्रगति की है। भारत अब दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है, जो 2014 के 2.1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2025 में 4.3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है।
पुरी ने कहा कि वैश्विक चुनौतियों के बावजूद देश ने साहसिक नीतिगत सुधारों, व्यापक सामाजिक कल्याण योजनाओं और मजबूत वित्तीय प्रबंधन के माध्यम से विकास की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि भारत ने हाल ही में जापान को पीछे छोड़ दिया है और 2030 तक जर्मनी को पीछे छोड़कर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है।
उन्होंने भारत सरकार द्वारा लागू की गई प्रमुख सामाजिक पहलों का भी उल्लेख किया, जिनमें 27 करोड़ से अधिक नागरिकों को गरीबी से बाहर निकालने, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लगभग चार करोड़ घरों को मंजूरी देने और जल जीवन मिशन के तहत 15.4 करोड़ ग्रामीण परिवारों को नल से जल मुहैया कराना शामिल है। इसके अलावा आयुष्मान भारत योजना के तहत 70 करोड़ से अधिक लोगों को स्वास्थ्य कवरेज प्रदान किया गया है, जिससे समावेशी विकास की दिशा में भारत की प्रतिबद्धता को और मजबूत किया गया है।
भारत में किए गए आर्थिक सुधारों के बारे में बताते हुए मंत्री ने कहा कि 2014 से 2025 तक देश में 748 बिलियन अमेरिकी डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्रवाह हुआ, जो पिछले दशक की तुलना में 143 फीसदी की वृद्धि दर्शाता है। उन्होंने बताया कि भारत के कर सुधारों और डिजिटल भुगतान प्रणाली में हुए सुधारों ने देश के व्यापार परिदृश्य को मजबूत किया है। मंत्री ने बताया कि भारत की वित्तीय संस्कृति में सुधार हुआ है और वार्षिक आयकर रिटर्न दाखिल करने वालों की संख्या 3.6 करोड़ से बढ़कर 8.5 करोड़ हो गई है। इसके साथ ही भारत के बैंकिंग क्षेत्र में ऐतिहासिक बदलाव हुए हैं और डिजिटल अर्थव्यवस्था की नींव मजबूत हुई है।
पुरी ने भविष्य में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और उन्नत एनालिटिक्स को अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि वित्तीय क्षेत्र में प्रतिस्पर्धी बने रहा जा सके। उन्होंने चार्टर्ड अकाउंटेंट्स से डेटा-आधारित निर्णय लेने और रणनीतिक सलाहकार भूमिकाओं पर ध्यान केंद्रित करने की अपील की।
------------
हिन्दुस्थान समाचार / prashant shekhar



