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धर्मशाला, 14 फ़रवरी (हि.स.)। कांगड़ा जिला के शाहपुर क्षेत्र के द्रमण में गो-तस्करी की एक घटना सामने आई है। शुक्रवार अल सुबह स्थानीय व्यक्ति ने इस मामले की सूचना पुलिस को दी और पशु धन से भरी गाड़ी के बारे में बताया। लेकिन पुलिस ने बिना शिकायतकर्ता को सूचित किये ही उक्त चालक और गाड़ी को छोड़ दिया जिससे स्थानीय लोगों ने पुलिस थाना के बाहर पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।
शिकायतकर्ता एवं नशा निवारण समिति के अध्यक्ष रजनीश ने बताया कि शुक्रवार सबुह करीब तीन बजे संदेहास्पद गतिविधि देखने पर जब वाहन चालक से पूछताछ की गई, तो न ही उसके पास कोई वैध रसीद पाई गई और न ही उसने संतोषजनक उत्तर दिया। मौके पर पुलिस को सूचना दी गई, जिसके बाद पुलिस ने वाहन को कब्जे में ले लिया।
हालांकि, जब शिकायतकर्ता पुलिस स्टेशन पंहुचा तो पता चला कि पुलिस ने पहले ही वाहन चालक से पूछताछ कर उसे छोड़ दिया था, बिना शिकायतकर्ता को कोई जानकारी दिए। जब स्थानीय जनता ने एकजुट होकर पुलिस प्रशासन पर दबाव बनाया, तो आनन-फानन में पुलिस ने आरोपियों को दोबारा बुलाया और जांच में सहयोग किया।
इस दौरान तस्करों ने ताज़ा रसीदें पेश कर किसी तरह मामले को रफा-दफा करा लिया। लेकिन इस पूरे घटनाक्रम में विरोधाभास साफ नजर आय। गिरफ्तारी के समय चालक की भाषा कुछ और थी जबकि मामले के निष्कर्ष तक आते-आते सबूतों की स्थिति अलग दिखी।
उधर स्थानीय नागरिकों ने बताया कि यह गिरोह पिछले 6-7 वर्षों से इस अवैध धंधे में संलिप्त है और कई बार बेसहारा पशुओं को भी अपना शिकार बना चुका है। स्थानीय लोगों का यह भी कहना है कि ये लोग विशेष समुदाय से हैं, जिन्हें स्थानीय लोगों का सहयोग प्राप्त है। इस बार आरोपियों को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया लेकिन समाज को सतर्क रहने की जरूरत है ताकि भविष्य में ऐसे अपराध दोबारा न हों और कोई भी इस तरह के अवैध कार्यों को बढ़ावा न दे।
हिन्दुस्थान समाचार / सतिंदर धलारिया