यह जवाबदेही नहीं, जनता के गुस्से को शांत करने की कोशिश - अरूप विश्वास के इस्तीफे पर बोली भाजपा
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- Dec 16, 2025
कोलकाता, 16 दिसंबर (हि.स.)।युवाभारती क्रीड़ांगन में हुए हादसे के बाद पश्चिम बंगाल के खेल मंत्री अरूप विश्वास के इस्तीफे और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा उसे स्वीकार करने पर भारतीय जनता पार्टी ने ममता बनर्जी सरकार पर जोरदार हमला बोला है। पार्टी ने इसे असली जवाबदेही के बजाय जनता के गुस्से को शांत करने की एक चाल बताया है।
भाजपा आईटी सेल के प्रमुख और पश्चिम बंगाल के सह पर्यवेक्षक अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, टीएमसी के खेल मंत्री अरूप विश्वास ने मेसी फिएस्को के बाद इस्तीफा दे दिया है, और ममता बनर्जी ने इसे रिकॉर्ड समय में स्वीकार कर लिया है। इसे जवाबदेही मत समझिए; यह जनता के गुस्से को शांत करने के लिए एक पीछे हटने की कार्रवाई से ज्यादा कुछ नहीं है!
भाजपा नेता ने जोर देते हुए कहा कि यह 'राज धर्म' नहीं है। उन्होंने लिखा कि यह एक खुली स्वीकारोक्ति है कि मेसी इवेंट का पतन आकस्मिक नहीं था, बल्कि सरकार द्वारा निर्मित आपदा थी। मालवीय के अनुसार, यह घटना ममता बनर्जी, उनके मंत्रियों और नौकरशाही के खराब शासन का नतीजा है।
मालवीय ने इस घटना के लिए तीन प्रमुख कारण गिनाए। पहला, आम लोगों की लूट, जो टीएमसी का पर्याय बन गई है। दूसरा, शर्मनाक वीआईपी संस्कृति जिस पर टीएमसी पनपती है। और तीसरा, ममता बनर्जी द्वारा बढ़ावा दी गई गहरी जड़ें जमा चुकी भाई-भतीजावाद की व्यवस्था।
भाजपा नेता ने आगे लिखा कि यह इस्तीफा ममता बनर्जी, उनकी पक्षपाती नौकरशाही और उनके करीबी कैबिनेट की सामूहिक विफलता को उजागर करता है। उन्होंने कहा कि कोई भी इस्तीफा उस गंवाए गए समय को वापस नहीं ला सकता, उस बर्बाद किए गए पैसे को वापस नहीं ला सकता, या फुटबॉल प्रेमियों से कोलकाता में मेसी को देखने का चुराया गया मौका वापस नहीं दिला सकता।
अपनी पोस्ट के अंत में कड़े शब्दों में मालवीय ने लिखा, यह एक प्रतीकात्मक बलिदान है, एक राजनीतिक धोखा है, जिसे जल्द ही नौकरशाही की परतों के नीचे दबा दिया जाएगा, बिना न्याय के, बिना जवाबदेही के और बिना किसी पछतावे के!
मालवीय का यह कड़ा बयान उस विवादास्पद घटना के संदर्भ में आया है जब अर्जेंटीना के फुटबॉल सुपरस्टार लियोनेल मेसी के कोलकाता में होने वाले मैच में उनके नहीं खेलने से भारी हंगामा मच गया था। हजारों प्रशंसक जो मेसी को देखने के लिए महंगे टिकट खरीदकर स्टेडियम पहुंचे थे, वे गहरी निराशा के साथ वापस लौटे। इस घटना ने टीएमसी सरकार की व्यवस्था और प्रबंधन क्षमता पर गंभीर सवाल खड़े किए। टिकट की ऊंची कीमतों, खराब व्यवस्था और मेसी के नहीं खेलने की जानकारी पहले से न देने को लेकर सरकार पर जमकर आलोचना हुई। इसी दबाव में खेल मंत्री अरूप विश्वास को इस्तीफा देना पड़ा।
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हिन्दुस्थान समाचार / धनंजय पाण्डेय



