पौलेंड में भारत के राजदूत रहे सीएम भंडारी ने दिया मर्म चिकित्सा का प्रशिक्षण

हरिद्वार, 19 फ़रवरी (हि.स.)। मृत्युंजय मिशन के तत्वावधान में गैंडी खाता में आयोजित 6 दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मर्म चिकित्सा प्रशिक्षण शिविर में पोलैंड में भारत के राजदूत रहे चंद्रमोहन भंडारी ने प्रशिक्षणार्थियों को योग एवं प्राणायाम के महत्व की जानकारी दी। उन्होंने कहा देश-विदेश में मर्म चिकित्सा का प्रचार करते हुए स्वयं भी अनुभव किया कि यह एक चमत्कारिक दुष्प्रभाव रहित तथा तुरंत असर करने वाली चिकित्सा पद्धति है। उन्होंने प्रतिभागियों को विभिन्न मर्म बिंदुओं को उत्प्रेरित करने एवं असाध्य रोगों में उनके प्रभाव के विषय में भी जानकारी दी। उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति एवं मर्म चिकित्सा विशेषज्ञ डाॅ.सुनील जोशी ने मर्म प्राणायाम, मर्म आसनों के विषय में विस्तार से जानकरी देते हुए इसके उपयोग और लाभ भी बताए। उन्होंने कुछ विशेष आसानों तथा मर्मों के बारे में विस्तार से बताया कि किस मर्म बिन्दु को उत्प्रेरित करने पर कौन से रोग में लाभ होता है। इसकी जानकारी भी प्रशिक्षणार्थियों को दी। डाॅ.सुनील जोशी, डाॅ.विपिनचंद्र, डाॅ.संदीप सुमन, मयंक जोशी, विवेक चौधरी, शत्रुघ्न डबराल, विपिन चौधरी, चंद्रकांत आदि ने कर्नाटक बेंगलुरू, मध्य प्रदेश राजस्थान, महाराष्ट्र, असम, गुजरात, दिल्ली तथा ब्रिटेन से आए 67 प्रशिक्षणार्थियों को मर्म चिकित्सा के गुढ रहस्यों से अवगत कराया। साथ ही प्रैक्टिकल द्वारा शरीर में स्थित 107 मर्म बिंदुओं की पहचान और उनको उत्प्रेरित करने का तरीका भी बताया। प्रशिक्षण शिविर के संयोजक मयंक जोशी ने बताया कि 16 फरवरी से शुरू हुए 6 दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मर्म चिकित्सा प्रशिक्षण शिविर का समापन 21 फरवरी को प्रमाण पत्र वितरण के साथ होगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला

   

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