'भेषज विज्ञान में उन्नति' विषय पर राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन

हरिद्वार, 22 फरवरी (हि.स.)। गुरुकुल कांगड़ी सम विश्वविद्यालय के भेषज विज्ञान विभाग में वैश्विक स्वास्थ्य आवश्यकता हेतु भेषज विज्ञान में उन्नति विषय पर राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. हेमलता ने कहा कि आजकल बदलते मौसम, खानपान एवं दिनचर्या से नित नयी-नयी व्याधियां उत्पन्न हो रही हैं, जो कि समाज के लिए बड़ी चुनौती साबित हो रही हैं। व्याधियों से बचाव के लिए अपनी दैनिक जीवन शैली को अनुशासनात्मक एवं शुद्ध खान-पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए।

कुलपति ने प्रतिभागियों से कहा कि फार्मा क्षेत्र में अनुसन्धान एवं नवाचार हेतु अपार सम्भावनायें हैं। सभी को अपने विषय के ज्ञान में दक्षता हासिल कर अपने भविष्य को स्वर्णिम बनाना चाहिए।

विशिष्ट अतिथि आईएफटीएम विश्वविद्यालय मुरादाबाद के प्रति कुलपति प्रो. नवनीत वर्मा ने कहा कि भारत का फार्मा सेक्टर विश्व का सबसे बड़ा एवं किफायती मार्किट है। भारत विश्व के लगभग 195 देशों में दवा निर्यात करता है। इसका तजा उदहारण कोरोना काल में भारत ने विश्व के अनेक देशों को अपनी वसुधैव कुटुम्बकम नीति के तहत मुफ्त में कोविड वैक्सीन उपलव्ध करायी, जिसने यह साबित किया कि भारत का फार्मा क्षेत्र जरूरत के समय अपने त्वरित अनुसन्धान से वैश्विक औषध जरूरत को पूरा कर सकता है।

भेषज विज्ञान संकाय के संकायाद्यक्ष प्रो. देवेन्द्र सिंह मलिक ने कहा कि गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय एक प्रतिष्ठित 125 वर्ष पुरानी संस्था है। उन्होंने कहा कि छात्रों के औद्योगिक प्रशिक्षण हेतु 1918 में गुरुकुल कांगड़ी फार्मेसी की स्थापना की गयी जो आज भी उन्नत गुणवत्ता युक्त दवाओं का निर्माण एवं पूर्ति कर रहा है।

इस अवसर पर गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय एवं आईएफटीएम विश्वविद्यालय मुरादाबाद के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किये गए। इस सेमीनार में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश एवं दिल्ली एनसीआर के 11 विश्वविद्यालय के भेषज विज्ञान के 200 से अधिक शोध छात्रों ने प्रतिभाग किया। इसमें 70 शोध पत्र एवं पोस्टर प्रस्तुत किये गए।

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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला

   

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