ऋषि मुनियों की देन है मर्म चिकित्सा : चंद्रशेखर भट्ट

हरिद्वार, 21 नवंबर (हि.स.)। मृत्युंजय मिशन के तत्वावधान में नंदीपुरम गैंडी खाता में पांच दिवसीय मर्म चिकित्सा प्रशिक्षण शिविर शुक्रवार को शुभारंभ हुआ।

भागीरथी आश्रम के परमाध्यक्ष महाराज स्वामी, उत्तराखंड के पूर्व चुनाव आयुक्त चंद्रशेखर भट्ट, पोलैंड में भारतीय राजदूत रहे सीएम भंडारी, जीएसटी कमिश्नर संजीव सोलंकी की उपस्थिति में उद्घाटन सत्र का शुभारंभ करते हुए उत्तराखंड के पूर्व चुनाव आयुक्त चंद्रशेखर भट्ट ने कहा कि मर्म चिकित्सा ऋषि मुनियों की देन है। जो आयुर्वेद का एक अंग है। मर्म चिकित्सा को पुनर्जीवित करने का श्रेय उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डा.सुनील जोशी को जाता है। भागीरथी आश्रम हरिपुर कला के प्रमुख महाराज स्वामी ने कहा कि पंचतत्व से निर्मित यह शरीर ही साधना और सांसारिक कार्य को करने का माध्यम है। अतः इसका स्वस्थ होना नितांत आवश्यक है। मर्म चिकित्सा मनुष्य के अंग और मर्म बिंदुओं को उत्प्रेरित कर की जाती है। पोलैंड में भारत के राजदूत रहे सीएम भंडारी ने मृत्युंजय मिशन और मर्म चिकित्सा को एक दूसरे का पूरक बताया। उन्होंने कहा कि देश-विदेश में मर्म चिकित्सा को जन-जन के लिए सुलभ करना डा.सुनील जोशी का मिशन है। जिसमें वह सफलता प्राप्त कर रहे हैं।

कार्यक्रम में पधारे संत जनों विशिष्ट अतिथियों का स्वागत करते हुए मृत्युंजय मिशन के संस्थापक डा.सुनील जोशी ने कहा कि यह 22वां चिकित्सा प्रशिक्षण शिविर है। जिसके माध्यम से चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत चिकित्सक, योगाचार्य एवं जनसाधारण मर्म चिकित्सा को सीख कर जन-जन में आरोग्यता प्रदान कर रहे हैं। मंच संचालन डा.निधि शुक्ला ने किया। मयंक जोशी, योगेश पांडे, विपिन चौधरी, विवेक चौधरी, सतीश पुंडीर, शत्रुघ्न डबराल, राजेश कुमार वर्मा, चंद्रकांत आर्य, कृष्ण कुमार शुक्ल ने अतिथियों का स्वागत किया।

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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला

   

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