महिला अस्पताल में निर्माण कार्य गर्भवती महिलाओं के लिए बना परेशानी का सबब

अल्मोड़ा, 18 जुलाई (हि.स.)। जिला महिला अस्पताल में निर्माण कार्य गर्भवतियों के लिए खासी परेशानी का सबब बन गया है। यहां करीब तीन महीने से सिजेरियन प्रसव सुविधा बंद है, ऐसे में गर्भवतियों को रेफर किया जा रहा है। जबकि नॉर्मल डिलीवरी सेवाएं संचालित हैं।

एक ओर जहां जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में स्त्री रोग विशेषज्ञ की तैनाती नहीं है। वहीं ऐसे में लमगड़ा, भिकियासैंण, छाना, जैती, धौलादेवी, सेराघाट जैसे दूरदराज के क्षेत्रों से भी प्रसव के लिए गर्भवतियों को महिला अस्पताल के चक्कर काटने पड़ते हैं।

महिला अस्पताल में इन दिनों निर्माण कार्य किए जा रहे हैं। इससे ओटी में सिजेरियन प्रसव बंद हैं। यहां सिजेरियन सुविधा उपलब्ध न होने के कारण उन्हें दोबारा बेस अस्पताल रेफर किया जा रहा है। इससे समय की बर्बादी तो हो ही रही है। साथ ही महिला और नवजात दोनों की जान का जोखिम भी बढ़ रहा है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि महिला अस्पताल में प्रसव जैसी अत्यावश्यक सेवा का ठप होना बेहद चिंताजनक हैं। कई महिलाओं को समय पर उपचार नहीं मिल पा रहा हैं। कुछ को मजबूरी में निजी अस्पतालों में महंगी फीस भरनी पड़ रही हैं। बेस अस्पताल में भी गर्भवतियों के सिजेरियन प्रसव का भार बढ़ गया है।

इस मामले पर झिझाड़ के पार्षद अमित साह का कहना है कि 50 से 70 किलोमीटर की दूरी तय कर गर्भवतियां जिला महिला अस्पताल पहुंचती हैं लेकिन यहां से फिर सिजेरियन के लिए बेस अस्पताल रेफर किया जाता है।

वहीं अल्मोड़ा सीएमओ डॉ. नवीन तिवारी के अनुसार जिला महिला अस्पताल में निर्माण कार्य चल रहा है जिसके चलते सिजेरियन डिलोवरों को सुविधा फिलहाल बंद है। ऑपरेशन थिएटर का जल्द संचालन दोबारा शुरु कर दिया जाएगा।

हिन्दुस्थान समाचार / DEEPESH TIWARI

   

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