
भागलपुर, 3 जुलाई (हि.स.)। भागलपुर के परिसदन में गुरुवार को एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं जनसुराज के नेता आरसीपी सिंह ने कहा कि अगर उनकी सरकार बनती है तो सबसे पहली प्राथमिकता शिक्षा व्यवस्था को सुधारने की होगी। उन्होंने कहा कि पहले गांव के स्कूलों से पढ़कर छात्र आईएएस और इंजीनियर बनते थे। खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गांव में पढ़ाई कर इंजीनियर बने। लेकिन आज मैट्रिक पास करने के लिए भी छात्रों को ट्यूशन की जरूरत पड़ती है। उन्होंने इसे शिक्षा व्यवस्था की विफलता करार दिया। आरसीपी सिंह ने कहा कि चुनाव आयोग इसके लिए धन्यवाद का पात्र है। क्योंकि उनकी पार्टी का चुनाव चिन्ह स्कूल का बस्ता है, जो शिक्षा को प्राथमिकता देने का संकेत है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पुत्र निशांत कुमार की राजनीति में संभावित एंट्री को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि निशांत अब 25 वर्ष के हो चुके हैं और भारतीय लोकतंत्र में कोई भी 25 साल की उम्र के बाद राजनीति में आ सकता है। ऐसे में उनके आने पर कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। चुनाव आयोग द्वारा वोटर लिस्ट में चल रहे संशोधन पर भी उन्होंने सवाल उठाया।
उन्होंने कहा कि आयोग ने यह प्रक्रिया अत्यधिक जल्दबाजी में शुरू की है। बीएलओ जब घर जाते हैं तो कई बार किसान खेतों में होते हैं श। ऐसे में सही जानकारी नहीं मिल पाती है।
आरसीपी सिंह ने सुझाव दिया कि चुनाव आयोग को मतदाता सूची अपडेट करने की प्रक्रिया में व्यवहारिक तरीका अपनाना चाहिए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनका मकसद यह नहीं है कि मृत व्यक्तियों के नाम वोटर लिस्ट में बने रहें, बल्कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि सही और जीवित मतदाताओं को ही वोट देने का अधिकार मिले।
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हिन्दुस्थान समाचार / बिजय शंकर