किसानों को हर तरीके से लाभ पहुंचाएगी सोलर डिहाइड्रेशन तकनीक : रीता सिंह

कानपुर, 14 फरवरी (हि.स.)। सोलर डीहाइड्रेशन अपशिष्ट को कम करने और कृषि लाभ को बढ़ाने का एक कुशल, पर्यावरण-अनुकूल तरीका है। नाबार्ड के समर्थन से हमारा लक्ष्य इस तकनीक को अधिक गांवों तक पहुंचाना है। ताकि व्यापक रूप से इसे अपनाया जा सके और इसकी पहुंच सुनिश्चित हो सके। यह बातें शुक्रवार को आईआईटी कानपुर के रंजीत सिंह रोज़ी शिक्षा केंद्र की परियोजना कार्यकारी अधिकारी रीता सिंह ने कही।

फसल कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम करने और किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, आईआईटी कानपुर के रंजीत सिंह रोज़ी शिक्षा केंद्र ने कृषि उपज के मूल्य को बढ़ाने के लिए एक अभिनव सोलर डिहाइड्रेशन तकनीक पेश की है। किसानों को सौर ऊर्जा का उपयोग करके फल और सब्जियों को सुखाने में सक्षम बनाकर, यह पहल बाजार मूल्य में उतार-चढ़ाव के लिए एक स्थायी समाधान प्रदान करती है, जिससे उन्हें मांग अधिक होने पर अपनी उपज को अधिक लाभदायक दरों पर बेचने की सुविधा मिलती है।आईआईटी कानपुर के प्रो. संदीप संगल और प्रो. कल्लोल मंडल के नेतृत्व यह कार्यक्रम आयोजित हुआ। हाल ही में इस तकनीक का प्रदर्शन लगभग 30 किसानों के सामने किया गया। जिसमें श्रमिक भारती द्वारा पोषित शिवराजपुर में हरिया नेचर फार्मिंग प्रोड्यूसर कंपनी और कल्याणपुर ब्लॉक में नमामि गंगे परियोजना के तहत गठित लवकुश एफपीओ के किसान शामिल थे। किसानों को सोलर डिहाइड्रेशन विधियों में व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया, जिससे उन्हें अपने खेतों पर इस लागत प्रभावी संरक्षण तकनीक को उपयोग करने का ज्ञान प्राप्त हुआ। टमाटर के प्री-ट्रीटमेंट और सोलर ड्रायरिंग के लाइव प्रदर्शन ने दिखाया कि कैसे यह विधि सेल्फ लाइफ को बढ़ा सकती है और बाजार में इसकी बिक्री को बेहतर बना सकती है।

हिन्दुस्थान समाचार / रोहित कश्यप

   

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