बस्तर के नक्सलियाें का तेलंगाना में आत्मसमर्पण करना कहीं बदली हुई रणनीति का हिस्सा तो नहीं
- Admin Admin
- Mar 19, 2025

आईजी बोले-नक्सली अब बचने के लिए स्माल एक्शन ग्रुप्स में हमला करने की रणनीति पर कर रहे हैं काम
जगदलपुर, 19 मार्च (हि.स.)। बस्तर संभाग के नक्सल प्रभावित इलाकाें में नवीन सुरक्षा कैंप की स्थापना एवं सुरक्षा बलों की लगातार कार्रवाई से नक्सलियों ने संगठन स्तर पर कई बड़े फेरबदल करने के संकेत मिल रहे हैं। बस्तर संभाग में सक्रिय देश की इकलौती नक्सल संगठन के बटालियन को भी नक्सलियों ने कई टुकड़ों में तोड़ दिया है। अब नक्सली छोटे-छोटे समूहों में गुरिल्ला वार की रणनीति बना रहे हैं। अक्सर नक्सलियाें द्वार खामाेशी के बाद किसी बडे़ हमले का रिकार्ड रहा है। वहीं दूसरी ओर 15 मार्च काे बीजापुर-सुकमा के पड़ाेसी राज्य तेलंगाना सीमा में सक्रिय एक कराेड़ के ईनामी नक्सली हिडमा के बटालियन नंबर-एक में सक्रिय 64 नक्सलियों ने तेलंगाना में आत्मसमर्पण कर दिया। बस्तर के नक्सलियाें द्वारा तेलंगाना में आत्मसमर्पण करने काे भी नक्सलियाें के बदली हुई रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
उधर इतने बड़े आत्मसमर्पण की फाेटाे-वीडियाे जारी कर इनके कैडर, निवासी एवं नाम का खुलासा नहीं करने पर 64 नक्सलियों के आत्मसमर्पण पर प्रश्नचिन्ह खड़े हाेते हैं। इससे एक प्रश्न यह भी उठता है कि क्या बस्तर और तेलंगाना के पुलिस के बीच समन्वय का अभाव है। जिसका फायदा नक्सली संगठन ने साेच समझ कर उठाया है। यह इसलिए भी प्रसंगिक हाे सकता है, क्याेंकि ज्यादातर नक्सलियाें के बड़े कैडर तेलंगाना प्रदेश के निवासी हाेते हैं, जिनके द्वारा बस्तर में नक्सली संगठन का संचालन किया जा रहा है।
बस्तर के आईजी सुुंंदरराज पी. ने आत्मसमर्पण की विस्तृत जानकारी तेलंगाना पुलिस के माध्यम से उपलब्ध करवाने की बात कही थी, लेकिन अब तक 64 नक्सलियों के नाम तक उपलब्ध नहीं हाे पाए हैं। वहीं बस्तर के आईजी ने नक्सलियाें के बदली हुई रणनति के संबंध में कहा कि नक्सली अब बचने के लिए स्माल एक्शन ग्रुप्स में बंटकर हमला करने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। इसके लिए सुरक्षा बल तैयार है। टीसीओसी में नक्सलियों के विरुद्ध अभियान को और भी आक्रामक किया जाएगा। बस्तर के नक्सल प्रभावित इलाकाें में अपनी सेवाए़ दे चुके पूर्व पुलिस महानिदेशक आरके विज का कहना है कि जंगल के भीतर इस समय सुरक्षा बल की स्थिति मजबूत हुई है। सटीक सूचना के आधार पर अभियानों में नक्सलियों को बड़ा नुकसान पहुंचा है।
उल्लेखनीय है कि पिछले एक वर्ष के भीतर सुरक्षा बल ने बस्तर में नक्सलियों के सबसे ताकतवर किले को ढहा दिया है। सुकमा और बीजापुर जिले का सीमावर्ती क्षेत्र दो दशक से नक्सलियों के बटालियन का केंद्र था। पिछले दो वर्ष में सुरक्षा बल ने यहां टेकुलगुड़ेम, पूवर्ती, तर्रेम, गुंडेम, कोंडापल्ली, जिड़पल्ली, वाटेवागु सहित दस से अधिक सुरक्षा कैप की स्थापना कर नक्सलियाें काे काफी हद तक खदेड़ने में कामयाब हुए हैं। सुरक्षा बल ने पिछले 14 माह में नक्सलियों के विरुद्ध आक्रामक अभियान करते हुए 304 नक्सलियों को ढेर कर दिया है, इसके बाद नक्सलियों ने अपने संगठन में भारी बदलाव किया है, नक्सलियाें के कंपनी और प्लाटून स्तर पर भी बदलाव किया गया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / राकेश पांडे