विवेकानंद के संदेश युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत:कुलपति

जाैनपुर ज, 4 जुलाई (हि.स.)। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि पर उन्हें नमन कर कुलपति एवं शिक्षकों ने श्रद्धासुमन अर्पित किया । विवेकानंद केन्द्रीय पुस्तकालय में स्थित स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर स्वामी जी के विचारों को सबसे साझा किया गया। कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कहा कि स्वामी विवेकानंद दर्शन के प्रभावशाली व्याख्याता थे। विश्व धर्म संसद में दिए उद्बोधन ने उन्हें वैश्विक पहचान दी । उन्होंने कहा था कि ‘उठो और जागो और तब तक रुको नहीं जब तक कि तुम अपना लक्ष्य प्राप्त नहीं कर लेते’ और ‘सारी शक्ति आपके भीतर है; आप कुछ भी और सब कुछ कर सकते हैं ‘ का सन्देश आज भी युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है । आज हम उनके उच्चतम आदर्शों को अपनाकर एक सशक्त और समृद्ध राष्ट्र के निर्माण के प्रति संकल्पित हैं ।

कुलसचिव डॉ. विनोद कुमार सिंह ने कहा कि स्वामी जी के विचार हमें न केवल आत्मबल बढ़ाने की शिक्षा देते है, अपितु यह भी बताते हैं कि समाज और राष्ट्र की सेवा ही सच्चा धर्म है। उन्होंने स्वामी जी के उद्धरण को संदर्भित करते हुए कहा कि विश्व एक महान व्यायामशाला है जहां हम स्वयं को मजबूत बनाने के लिए आते हैं। हम सभी उनके विचारों को अपने जीवन में अपनाकर सर्वे भवन्तु सुखिनः की अवधारणा को समाज में समृद्ध कर सकते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / रवीन्द्र कुमार मिश्र

   

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