चीन सीमा तक पहुंच वाला जाेशीमठ -मलारी मार्ग पर बीआरओ ने बनाया वैकल्पिक पुल, आवाजाही शुरू
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- Sep 01, 2025
गोपेश्वर, 01 सितम्बर (हि.स.)। उत्तराखंड के चमोली जिले को चीन सीमा तक सड़क मार्ग से जोड़ने वाला तमक-लौंग का महत्वपूर्ण पुल पर सोमवार से बीआरओ ने वैकल्पिक व्यवस्था कर इस मार्ग पर यातायात सुचारू कर दिया है। सामरिक दृ्ष्टि से महत्वपूर्ण इस मार्ग पर आवाजाहीशुरू होने से आसपास के लगभग 14 गांवों के लोगों को राहत भी मिली है।
दरअसल, शनिवार को हुई भारी बारिश के दाैरान तमक नाले में उफान आने के कारण सीमावर्ती क्षेत्र को जोड़ने वाला एक मात्र तमक-लौंग पुल बह गया था। इस पुल के बह जाने से लगभग 14 गांव तमक, जुम्मा, कागा, गरपक, द्रोणागिरी, जेलम, कोषा, मलारी, कैलाशपुर, मेहरागांव,फर्किया गांव, बांपा गांव, गामशाली और नीती का जिले के अन्य स्थानों से संपर्क कट गया था। इसके चलते लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। बीआरओ के अथक प्रयास के बाद सोमवार को बहे इस पुल के स्थान पर वैकल्पिक व्यवस्था करते हुए वाहनों और आम लोगों के लिए मार्ग को खोल दिया है। इसस मार्ग खुलने से लोगों ने राहत की सांस ली है।
क्षेत्र के पूर्व प्रधान पुष्कर सिंह राणा और लक्ष्मण सिंह बुटोला ने बताया कि पुल के बह जाने से लोगों की आवाजाही प्रभावित हो गई थी। सोमवार को बीआरओ की ओर से यहां पर अस्थाई व्यवस्था कर वाहनों की आवाजाही शुरू करवा दी गई है। इससे लोगों ने राहत की सांस ली है।
हिन्दुस्थान समाचार / जगदीश पोखरियाल



