चंडीगढ़ को सतत (सस्टेनेबल) बनाने के लिए कार्यशाला का आयोजन
- Sunny Kumar Kumar
- Jul 02, 2025
पर्यावरण संरक्षण के प्रति चंडीगढ़ की प्रतिबद्धता को और मजबूत करने तथा प्लास्टिक प्रदूषण की बढ़ती समस्या से निपटने के लिए चंडीगढ़ प्रदूषण नियंत्रण समिति (CPCC) एक विशेष कार्यशाला आयोजित करने जा रही है। यह कार्यशाला “इको-चंडीगढ़: प्लास्टिक-मुक्त भविष्य की ओर” शीर्षक से 3 जुलाई 2025 को पोस्ट ग्रेजुएट गवर्नमेंट कॉलेज फॉर गर्ल्स, सेक्टर 42, चंडीगढ़ के ऑडिटोरियम में सुबह 9:00 बजे से शुरू होगी।चंडीगढ़, जिसे भारत का पहला योजनाबद्ध शहर माना जाता है, हमेशा सफाई और पर्यावरण संतुलन को बढ़ावा देता आया है। लेकिन बदलती जीवनशैली और शहरी विस्तार के कारण सिंगल यूज प्लास्टिक (SUP) का बढ़ता इस्तेमाल एक बड़ी चिंता बन गया है। वर्ष 2008 से प्लास्टिक कैरी बैग और 2016 से नॉन-वोवन प्लास्टिक उत्पादों पर प्रतिबंध के बावजूद बहुत से प्रतिबंधित प्लास्टिक सामान अब भी बाजारों में बिक रहे हैं, जिससे जनता की सेहत, पर्यावरण और कचरा प्रबंधन पर बुरा असर पड़ रहा है।यह कार्यशाला इन चुनौतियों का समग्र रूप से समाधान ढूंढ़ने के लिए आयोजित की जा रही है। इसमें सरकारी विभागों, गैर-सरकारी संगठनों (NGO), उद्योगों, स्कूलों, कॉलेजों, मार्केट और मंडी एसोसिएशनों, रेज़िडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों (RWA) और नागरिक समूहों को एक ही मंच पर लाया जाएगा ताकि सिंगल यूज प्लास्टिक के टिकाऊ विकल्पों के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सके और सभी क्षेत्रों में प्लास्टिक पर निर्भरता घटाई जा सके।इस कार्यक्रम की मुख्य विशेषता लाइव डेमोंस्ट्रेशन और प्रदर्शनी स्टॉल होंगे, जिनमें बायोडीग्रेडेबल (जैव अपघटनीय) बर्तन, कंपोस्टेबल पैकेजिंग, रियूजेबल बैग और अन्य पर्यावरण अनुकूल दैनिक उपयोग की वस्तुएं प्रदर्शित की जाएंगी। यह प्रदर्शनी प्रतिभागियों को न केवल जानकारी देगी, बल्कि उन्हें सक्षम भी बनाएगी—ताकि केवल सख्ती पर नहीं, बल्कि सहूलियत और सहयोग पर ध्यान दिया जा सके।इस सामूहिक पहल से पहले CPCC ने व्यापारियों, विक्रेताओं, निर्माताओं और नगर निकायों से कई बार विचार-विमर्श किया, ताकि जमीनी हकीकत को समझकर चंडीगढ़ के शहरी परिवेश के अनुरूप समाधान तैयार किए जा सकें। कार्यशाला में विशेषज्ञों के व्याख्यान और इंटरैक्टिव सत्र भी होंगे, जिनमें कानून, प्लास्टिक के उपयोग से होने वाले पर्यावरणीय नुकसान और व्यवहार में बदलाव के तरीकों की जानकारी दी जाएगी।इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य केवल प्लास्टिक पर प्रतिबंध को लागू करना नहीं है, बल्कि पूरे शहर में सतत विकास की संस्कृति विकसित करना है। जब समाज जागरूक, सूचित और बेहतर विकल्पों से सुसज्जित होता है, तब बदलाव न केवल संभव होता है, बल्कि स्थायी भी बनता है।सभी संबंधित पक्षों और नागरिकों से अनुरोध है कि वे इस कार्यशाला में शामिल होकर सक्रिय भागीदारी करें।



