वहीद-उर-रहमान पारा को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाई कोर्ट ने देश के अंदर यात्रा करने की दी इजाज़त
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- Dec 02, 2025
श्रीनगर, 02 दिसंबर (हि.स.)। चार साल बाद आतंकी साजिश के एक मामले में आरोपी पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता वहीद-उर-रहमान पारा को मंगलवार को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाई कोर्ट ने देश के अंदर यात्रा करने की इजाज़त दे दी।
पारा को मई 2022 में हाई कोर्ट की एक डिवीजन बेंच ने 1 लाख रुपये के मुचलके पर ज़मानत दी थी जिसमें कहा गया था कि जब भी ज़रूरत हो जांच अधिकारी के सामने पेश हों, अपना पासपोर्ट सरेंडर करें और ट्रायल कोर्ट की पहले से इजाज़त के बिना केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर न छोड़ने के निर्देश दिए थे। पारा ने जम्मू-कश्मीर से बाहर यात्रा करने की शर्त में छूट देने के लिए एक अर्ज़ी दी थी।
मंगलवार को जस्टिस विनोद चटर्जी कौल और संजीव कुमार की बेंच ने ट्रायल कोर्ट को बताने के बाद उन्हें देश के अंदर ट्रैवल करने की इजाज़त दे दी।हाई कोर्ट ने अपने दो पेज के आदेश में कहा कि पारा ट्रायल कोर्ट को अपनी लोकेशन और जाने का मकसद बताने के बाद जम्मू और कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश छोड़ने और देश के अंदर आने-जाने का हकदार होगा।
एडवोकेट शारिक जे रेयाज ने कोर्ट के सामने कहा कि पारा एक विधायक हैं और उन्हें अपने ऑफिशियल और दूसरे कामों के सिलसिले में बार-बार केंद्र शासित प्रदेश से बाहर जाना पड़ता है और यह बेल कंडीशन उनके लिए बहुत मुश्किल और परेशानी पैदा कर रही है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि हमारी सोची-समझी राय है कि शर्त में बदलाव करना न्याय के हित में होगा।
पारा को नवंबर 2020 में एनआईए ने हिजबुल मुजाहिदीन आतंकी संगठन को कथित तौर पर सपोर्ट करने के एक मामले में गिरफ्तार किया था, इस आरोप से पीडीपी ने इनकार किया था जिसने उनकी गिरफ्तारी को राजनीति से प्रेरित बताया था। उन्हें जनवरी 2021 में बेल मिल गई लेकिन जेल से बाहर आने से पहले ही जम्मू-कश्मीर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
2022 में उन्हें बेल देते हुए हाई कोर्ट ने कहा था कि जांच एजेंसी द्वारा इकट्ठा किए गए और प्रॉसिक्यूशन द्वारा उन पर मुकदमा चलाने के लिए जिन सबूतों पर भरोसा किया गया वे इतने अधूरे हैं कि पहली नज़र में सच नहीं माने जा सकते।
हिन्दुस्थान समाचार / बलवान सिंह



