कैंसर लाइलाज नहीं, जागरुकता और जीवनशैली है सबसे बड़ा उपचार
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- Dec 02, 2025
अजमेर, 2 दिसम्बर(हि.स.)। महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के धन्वंतरि आरोग्य केंद्र एवं रोटरी क्लब मेट्रो के संयुक्त तत्वावधान में विश्वविद्यालय परिसर में कैंसर जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का उद्देश्य विश्वविद्यालय परिवार, विद्यार्थियों एवं आमजन को कैंसर के कारणों, रोकथाम, बचाव एवं समय पर पहचान के महत्व से अवगत कराना था।
शिविर का उद्घाटन कुलगुरु प्रो. सुरेश अग्रवाल ने किया। उन्होंने कहा कि कैंसर ही नहीं, कोई भी बीमारी लाइलाज नहीं होती। हमारी बदलती जीवनशैली, अनियमित दिनचर्या और असंतुलित खान-पान कई गंभीर रोगों की प्रमुख वजह हैं। कुलगुरु ने स्वस्थ जीवनशैली को अपनाने पर विशेष बल दिया।
साथ ही उन्होंने कहा कि भारतीय चिकित्सा पद्धति सुश्रुत संहिता के अनुसार शल्य चिकित्सा से पूर्व रोगी का मानसिक स्थिर होना आवश्यक था, जिसमें मंत्रोच्चारण द्वारा भय और चिंता को दूर किया जाता था। यह दृष्टिकोण आज के साइकोन्यूरोइम्युनोलॉजी के सिद्धांतों के अनुरूप है, जो मानसिक स्थिति का शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली पर प्रभाव डालता है। विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित इस विमर्श ने स्पष्ट किया कि प्राचीन चिकित्सा प्रणाली न केवल ऐतिहासिक महत्व रखती है, बल्कि यह आधुनिक स्वास्थ्य व कल्याण की चुनौतियों के समाधान के लिए आज भी अत्यंत प्रासंगिक है। इस विरासत को पुनः अपनाना भविष्य की समग्र स्वास्थ्य रणनीति के लिए प्रभावशाली कदम होगा।
जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एवं चिकित्सालय, अजमेर के स्त्रीरोग विशेषज्ञ डॉ. अजय शर्मा ने सर्वाइकल कैंसर पर विस्तृत पावर प्रेजेंटेशन के माध्यम से जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि यह वायरस जनित एवं संक्रामक कैंसर है, अतः 10 वर्ष से अधिक आयु की सभी लड़कियों,महिलाओं को विशेषज्ञ परामर्श से सर्वाइकल कैंसर का टीकाकरण अवश्य करवाना चाहिए।
टीबी एवं चेस्ट विभाग के सह-आचार्य डॉ. मुकेश गोयल ने फेफड़ों के कैंसर पर प्रकाश डालते हुए कहा कि धूमपान और प्रदूषण इसके प्रमुख कारण हैं। उन्होंने बताया कि इससे बचाव ही इसका सर्वोत्तम उपचार है।
शल्य चिकित्सक डॉ. अनिल के. शर्मा ने स्तन कैंसर के बारे में जागरूक करते हुए बताया कि यह किसी भी उम्र की महिलाओं में हो सकता है और पुरुष भी इससे अछूते नहीं हैं। उन्होंने स्तन से होने वाले किसी भी असामान्य स्त्राव की स्थिति में तुरंत चिकित्सकीय परामर्श लेने की सलाह दी।
रोटरी क्लब (मेट्रो) की अध्यक्ष डॉ. ज्योत्सना चांदवानी ने कहा कि कैंसर की समय पर पहचान, उचित परामर्श और जागरुकता इसके इलाज की पहली और सर्वाधिक आवश्यक सीढ़ी है। उन्होंने बताया कि कैंसर छुआछूत का रोग नहीं है तथा कुछ कैंसर आनुवंशिक भी होते हैं। शिविर में शुरुआती लक्षण, जोखिम कारक, आधुनिक उपचार तकनीकें तथा जीवनशैली में परिवर्तन जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तृत जानकारी दी गई।
कार्यक्रम में अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. सुभाष चंद्र ने स्वागत भाषण दिया। शिविर का संयोजन स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉ. राजू शर्मा ने किया और अंत में धन्यवाद ज्ञापित भी किया।
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हिन्दुस्थान समाचार / संतोष



