कूड़े को प्रोसेस कर उपयोगी उत्पाद बनाने के लिए आठ कंपनियों ने ग्रेनो प्राधिकरण को दिए आइडिया

- सभी ‘आइडिया’ को अमली जामा पहनाने पर जल्द काम शुरू होगा

गौतमबुद्धनगर, 06 अगस्त (हि.स.)। ग्रेटर नोएडा से निकलने वाले कूड़े को शत-प्रतिशत प्रोसेस कर जरूरी उत्पाद बनाने के लिए प्राधिकरण प्रयासरत है। घरेलू कूड़े को प्रोसेस कर क्या-क्या उत्पाद बनाए जा सकते हैं, प्राधिकरण ने ईओआई निकालकर इस पर कंपनियों से ‘आइडिया’ मांगा था।मंगलवार को 8 कंपनियों ने इसमें हिस्सा लिया। अब प्राधिकरण इन आइडियाज का अध्ययन कर आरएफपी निकालेगा और कंपनियों का चयन कर काम शुरू कराएगा।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार की मंशा है कि ग्रेटर नोएडा से निकलने वाले कूड़े को शत-प्रतिशत प्रोसेस किया जाए और उससे जरूरी उत्पाद बनाकर उपयोग में लाया जाए। इसके लिए उपलब्ध सभी पद्धतियों का अध्ययन कर अपनाने की सीख दी है, ताकि ग्रेटर नोएडा को सबसे स्वच्छ शहर बनाया जा सके। यहां भविष्य में भी कूड़े के ढेर की समस्या न झेलना पडे़। सीईओ के निर्देश पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के स्वास्थ्य विभाग ने ईओआई निकाले थे, जिसमें आठ कंपनियों ने हिस्सा लिया है। इन कंपनियों ने सोमवार और मंगलवार को अपने प्रस्तुतिकरण के जरिए सुझावों को साझा किया। एक कंपनी ने ‘आइडिया’ दिया कि गोबर को प्रोसेस कर ब्रिकेट्स बनाएगी। इसका इस्तेमाल कोयले के विकल्प के लिए किया जा सकता है।

एक कंपनी का सुझाव है कि कूड़े को प्रोसेस कर बायोगैस बनाया जाएगा। एक कंपनी ने ब्लैक सोल्जर फ्लाई लार्वा (एक विशेष प्रकार की मक्खी) के जरिए गीले कूड़े से प्रोटीन निकालने और अवशेष को प्रोसेस करने की बात कही। एक कंपनी ने मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी प्लांट लगाकर प्रोसेस करने की बात कही। एक कंपनी ने ई-वेस्ट को प्रोसेस करने पर अपनी जानकारी साझा की। बल्क वेस्ट जनरेट करने वाले संस्थानों के कूड़े को प्रोसेस करने के लिए भी एक कंपनी तैयार है। एक कंपनी ने ग्रेटर नोएडा की किसी एक कालोनी को जीरो वेस्ट कालोनी बनाने का सुझाव दिये। ऐसे तमाम सुझावों के साथ कंपनियों ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ अन्नपूर्णा गर्ग, एसीईओ श्रीलक्ष्मी वीएस और वरिष्ठ प्रबंधक चेतराम सिंह व ईवाई की टीम के समक्ष प्रस्तुतिकरण दिए।

एसीईओ अन्नपूर्णा गर्ग ने बताया कि इन सुझावों का अध्ययन कर रिपोर्ट तैयार कर सीईओ को सौपा जाएगा। उसके बाद इन पद्धतियों को एक पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर अपनाकर उससे नफा-नुकसान का अध्ययन करते हुए वेस्ट को प्रोसेस कराने का निर्णय लिया जाएगा। एसीईओ अन्नपूर्णा गर्ग ने इन आइडिया पर शीघ्र काम शुरू कराने की बात कही है। उन्होंने ग्रेटर नोएडावासियों से भी शहर को स्वच्छ बनाने में सहयोग की अपील की है।

हिन्दुस्थान समाचार / फरमान अली / मोहित वर्मा

   

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