महाराष्ट्र का 10.06 लाख एकड़ क्षेत्र उपजाऊ भूमि में विकसित
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- May 10, 2025

Maharashtra, 10 मई (हि.स.)। महाराष्ट्र में जल संसाधनों के स्थायी प्रबंधन और कृषि को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की संकल्पना से शुरू की गई 'कचरा मुक्त बांध, खाद युक्त खेत' योजना को बड़ी सफलता मिली है। राज्य सरकार का दावा है कि इस योजना से सूबे का 10.06 लाख एकड़ क्षेत्र उपजाऊ भूमि में विकसित हुआ है और जलाशयों से 42.29 करोड़ घन मीटर कचरा निकाला जा चुका है, जो लक्ष्य का 63 प्रतिशत है।
राज्य सरकार के अनुसार योजना का मुख्य उद्देश्य बांधों में जमे कीचड़ का वैज्ञानिक प्रबंधन करके खेतों में उनका पुनः उपयोग करना है। बांधों, तटबंधों, झीलों और जलाशयों से पोषक तत्वों से भरपूर कीचड़ को निकालने से जलाशयों की भंडारण क्षमता में वृद्धि हो रही है। वहीं इस कीचड़ का इस्तेमाल खेतों में करने से उर्वरता में सुधार हो रहा है। यह योजना विशेषकर छोटे व आर्थिक रूप से कमजोर किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। इस योजना के लिए सरकार धन मुहैया करा रही है। छोटे किसानों के पास संसाधन सीमित होते हैं, इसलिए वे प्राकृतिक संसाधनों के उचित उपयोग से सीधे लाभान्वित होते हैं। सरकार का उद्देश्य किसानों को आत्मनिर्भर बनाना और प्राकृतिक संसाधनों का सतत उपयोग सुनिश्चित करना भी है। एक अप्रैल 2024 से सात अप्रैल 2025 तक राज्य के 1,274 जलाशयों से कुल 66.91 करोड़ घन मीटर कचरा निकाले जाने का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें से 42.29 करोड़ घन मीटर कचरा निकाला जा चुका है, जो लक्ष्य का 63 प्रतिशत है। यह उपलब्धि प्रशासन के प्रभावी क्रियान्वयन के साथ-साथ किसानों की स्वस्फूर्त भागीदारी के कारण संभव हुई है।
राज्य सरकार ने इस योजना के लिए 2,781.8 करोड़ रुपए की धनराशि उपलब्ध कराई है। अब तक 1,549.9 करोड़ रुपए वितरित किए जा चुके हैं। 35,205 किसानों में से 31,719 किसान सब्सिडी के लिए पात्र हैं और उन्होंने 341.7 करोड़ घन मीटर कचरा हटा दिया है। इसके लिए 1221.6 करोड़ रुपए का अनुदान अपेक्षित है। अब तक 512.4 करोड़ रुपए वितरित किए जा चुके हैं। इस पहल से 10.06 लाख एकड़ क्षेत्र में पोषक तत्वों से भरपूर मिट्टी विकसित हुई है।
कचरा मुक्त बांध और कचरा युक्त योजना के तहत 10.06 लाख एकड़ से अधिक क्षेत्र में पोषक तत्वों से भरपूर मिट्टी तैयार हुई है, जो टिकाऊ कृषि के लिए एक प्रमुख मील का पत्थर है। यह योजना विशेष रूप से छोटे और गरीब किसानों को अपनी भूमि को फिर से उपजाऊ बनाने का अवसर प्रदान कर रही है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 2016 में इस योजना का शुभारंभ करते हुए स्पष्ट किया था कि “यह योजना केवल कचरा हटाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जल संरक्षण, मिट्टी की उर्वरता और किसानों की समृद्धि की कहानी है।
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हिन्दुस्थान समाचार / वी कुमार