महाराष्ट्र में अक्षय तृतीया पर रुके 26 बाल विवाह

मुंबई, 30 अप्रैल (हि.स.)। अक्षय तृतीया के शुभ पर्व पर बड़े पैमाने पर नए काम किए जाते हैं। इस दिन बड़े पैमाने पर विवाह भी होते हैं। लेकिन इसी समय कई जगहों पर बाल विवाह के मामले भी सामने आते हैं। महाराष्ट्र में इस दिन होने वाले कुल 26 बाल विवाहों को रोकने में शासन-प्रशासन सफल हुआ है।

महिला व बाल कल्याण राज्यमंत्री मेघना साकोरे-बोर्डिकर ने सभी संबंधित एजेंसियों को सतर्क रहने का निर्देश दिया था। उन्होंने कहा कि हमने महाराष्ट्र को बाल विवाह से मुक्त बनाने का संकल्प लिया है। बाल विवाह एक गंभीर सामाजिक समस्या है। इसे समाप्त करने के लिए सभी स्तरों पर ठोस प्रयास करने की आवश्यकता है। अक्षय तृतीया पर उठाए गए ये व्यापक कदम बच्चों के सुरक्षित भविष्य की दिशा में सकारात्मक कदम साबित हो सकते हैं। सूबे के विभिन्न इलाकों से मिली रिपोर्टों के अनुसार एक दिन में 26 बाल विवाह रोके गए हैं। नांदेड़ जिले के भोकर शहर और मुखेड़ तहसील के मंगनाली गांव में अक्षय तृतीया की पूर्व संध्या पर होने वाले दो बाल विवाहों को रोका गया। इस कार्रवाई से स्थानीय स्तर पर जागरूकता बढ़ी है और यह संदेश गया है कि प्रशासन बाल विवाह रोकने के लिए तत्पर है।

बाल विवाह रोकने के लिए निर्मल भवन में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में महिला व बाल कल्याण विभाग की आयुक्त नयना गुंडे, राज्य के सभी जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक व संबंधित अधिकारी सहित स्थानीय स्तर के अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल हुए थे।

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हिन्दुस्थान समाचार / वी कुमार

   

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