नारायण सेवा संस्थान का 43वां दिव्यांग एवं निर्धन सामूहिक विवाह समारोह 8 को   

उदयपुर, 6 फ़रवरी (हि.स.)। दिव्यांग और निर्धन जनों के जीवन में खुशियों के रंग भरने के लिए नारायण सेवा संस्थान, उदयपुर द्वारा 8-9 फरवरी को 43वां दिव्यांग एवं निर्धन सामूहिक विवाह का आयोजन किया जा रहा है। इस समारोह में 51 जोड़े विवाह बंधन में बंधेंगे, जिनमें 28 दिव्यांग एवं 23 निर्धन परिवारों के वर-वधू शामिल होंगे।

संस्थान के सेवा महातीर्थ बड़ी स्थित परिसर में होने वाले इस आयोजन में समाजसेवी, धर्म माता-पिता और कन्यादानकर्ता ससम्मान आमंत्रित किए गए हैं।

संस्थान के जनसंपर्क प्रमुख भगवान प्रसाद गौड़ ने बताया कि विवाह की सभी रस्में विधिवत संपन्न कराई जाएंगी। विवाह स्थल पर 51 वेदियां स्थापित की गई हैं, जहां संस्काराचार्य वेद मंत्रों के साथ सात फेरे संपन्न कराएंगे। प्रेस वार्ता में 43वें दिव्यांग एवं निर्धन सामूहिक विवाह संस्कार का पोस्टर संस्थान के जनसंपर्क प्रमुख गौड़, मीडिया प्रभारी विष्णु शर्मा हितैषी, विवाह संयोजक रोहित तिवारी एवं बंशीलाल मेघवाल ने जारी किया।

विवाह में राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार और छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यों के जोड़े हिस्सा ले रहे हैं। इनमें से कई दिव्यांग हैं, तो कुछ जोड़ों में एक दिव्यांग और दूसरा सकलांग है। कोई नेत्रहीन है तो कोई किसी हादसे में अंगविहीन हुआ है। ये सभी जीवन की नई शुरुआत करेंगे।

समारोह 8 फरवरी को गणपति स्थापना, हल्दी, मेहंदी और महिला संगीत से प्रारंभ होगा। 9 फरवरी को तोरण रस्म, वरमाला और सात फेरे होंगे। संस्थापक पद्मश्री कैलाश ‘मानव’ और सहसंस्थापिका कमला देवी नवदंपतियों को आशीर्वाद देंगे। विवाह समारोह का सीधा प्रसारण विभिन्न माध्यमों से किया जाएगा।

संस्थान ने सफल आयोजन के लिए विभिन्न व्यवस्थाओं हेतु कमेटियां गठित की हैं। विवाह स्थल पर कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है, जो अतिथियों और जोड़ों की हरसंभव सहायता करेगा।

विवाहित जोड़ों को गृहस्थी का सामान, गैस चूल्हा, संदूक, बर्तन, फर्नीचर, घड़ी, पंखा, परिधान, प्रसाधन सेट और आभूषण प्रदान किए जाएंगे। पाणिग्रहण संस्कार के बाद 51 वधुओं को डोलियों में विदा कर उनके गंतव्य तक पहुंचाया जाएगा।

संस्थान 2004 से दिव्यांग सामूहिक विवाह का आयोजन कर रहा है। अब तक 2408 जोड़ों का विवाह संपन्न हो चुका है। यह आयोजन न केवल दिव्यांगों को सम्मानजनक जीवन देने का कार्य करता है, बल्कि समाज में सकारात्मक सोच विकसित करने की दिशा में भी अहम भूमिका निभाता है।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनीता

   

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