राष्ट्रीय रक्षा यूनिवर्सिटी का चौथा दीक्षांत समारोह 13 को

- केन्द्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण रहेंगी मौजूद

गांधीनगर, 11 जनवरी (हि.स.)। गांधीनगर के लावड़-देहगाम स्थित राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (आरआरयू) में 13 जनवरी को अपना चतुर्थ दीक्षांत समारोह आयोजित करेगा। दीक्षांत समाराेह में मुख्य अतिथि केंद्रीय वित्त व कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण शामिल हाेंगी। मुख्य अतिथि के अलावा कार्यक्रम में गुजरात सरकार के वित्त, ऊर्जा और पेट्रो केमिकल मंत्री कनुभाई मोहनलाल देसाई उपस्थित रहेंगे।

राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा प्रबंधन के क्षेत्र में उत्कृष्टता के केंद्र के रूप में आरआरयू की स्थापना कराई गई थी। देश के अमृत काल के दौरान गृह मंत्रालय की ओर से स्थापित आरआरयू आंतरिक सुरक्षा, सुधारात्मक प्रशासन और पुलिस के क्षेत्र में वैश्विक अग्रणी के रूप में काम करते हुए आगे बढ़ रहा है। आरआरयू के दीक्षांत समारोह में लगभग 447 छात्रों को स्नातक प्रमाणपत्र प्रदान किए जाएंगे। यह कार्यक्रम स्नातक वर्ग के बीच शैक्षणिक उत्कृष्टता और समर्पण के उत्सव के रूप में कार्य करता है।

इन्हें मिलेंगे पुरस्कार

समारोह के दौरान आरआरयू स्नातकों के एक विविध समूह को उनकी शैक्षिक उपलब्धियों के लिए डिग्री प्रदान की जाएंगी। इसमें तीन छात्रों को उनके व्यापक शोध योगदान और शैक्षणिक उपलब्धियों को मान्यता देते हुए पीएचडी की डिग्री प्रदान की जाएगी। पीएचडी प्राप्तकर्ताओं के अलावा 13 उत्कृष्ट छात्रों को उनके शैक्षणिक कार्यकाल के दौरान असाधारण प्रदर्शन के लिए स्वर्ण पदक से सम्मानित किया जाएगा।

इसके अलावा नौसेना 11 अधिकारियों को उनके डिप्लोमा/पीजी डिप्लोमा प्रदान किए जाएंगे, जो सशस्त्र बलों में अपनी सेवा के साथ शिक्षा को आगे बढ़ाने के प्रति उनके समर्पण और प्रतिबद्धता को मान्यता देते हैं। शेष पुरस्कार स्नातक आरआरयू में पेश की जाने वाली विभिन्न शैक्षणिक धाराओं का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा अध्ययन से संबंधित क्षेत्रों में व्यापक शिक्षा प्रदान करने के लिए विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय सुरक्षा अध्ययन और संबंधित क्षेत्रों में उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। आरआरयू का उद्देश्य समकालीन सुरक्षा चुनौतियों का समाधान करने के लिए ज्ञान और विशेषज्ञता से युक्त कुशल वृत्तिकों का विकास करना है।

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हिन्दुस्थान समाचार / बिनोद पाण्डेय

   

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