छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में एक लाख के इनामी आठ नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

दंतेवाड़ा, 12 अप्रैल (हि.स.)। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में लोन वर्राटू (घर वापस आइये) अभियान के तहत शन‍िवार को डीआरजी कार्यालय दंतेवाड़ा में एक लाख के इनामी आठ नक्सलियों ने आत्‍मसमर्पण क‍िया। इन आत्मसमर्पित नक्सलियों को पुनर्वास नीति के तहत 50-50 हजार रुपये की सहायता राशि प्रदान की गई।

लोन वर्राटू (घर वापस आइये) अभियान के तहत शन‍िवार को डीआरजी कार्यालय दंतेवाड़ा में आत्‍मसमर्पित करने वाले एक लाख के इनामी आठ नक्सलियों में 30 वर्षीय मंगडू मड़काम निवासी टेकलगुड़ा थाना जगरगुण्डा जिला सुकमा टेकलगुड़ा पंचायत सीएनएम सदस्य इनाम 50 हजार रुपये, 26 वर्षीय देवा राम कुंजाम निवासी रेवाली बचेलपारा थाना अरनपुर जिला दन्तेवाड़ा ककाड़ी पंचायत सीएनएम सदस्य इनाम 50 हजार रुपये, 48 वर्षीय हड़मा सोड़ी निवासी तिमेनार कुंजामपारा थाना मिरतुर जिला बीजापुर तिमेनार जीआरडी सदस्य, 28 वर्षीय बुधराम मड़काम निवासी तिमेनार कुंजामपारा थाना मिरतुर जिला बीजापुर भैरमगढ़ एरिया छात्र संगठन सदस्य, 27 वर्षीय जोगा मड़काम निवासी ककाड़ी कामापारा थाना अरनपुर जिला दन्तेवाड़ा ककाड़ी पंचायत डीएकेएमएस सदस्य, 26 वर्षीय पायकी कोवासी निवासी मदपाल कुड़मेरपारा थाना मिरतुर जिला बीजापुर मदपाल केएएमएस सदस्य, 30 वर्षीय सिगरेट वंजामी निवासी मदपाल पटेलपारा थाना मिरतुर जिला बीजापुर पोमरा पंचायत भूमकाल मिलिशिया सदस्य, 50 वर्षीय पायकू वंजामी निवासी मदपाल पटेलपारा थाना मिरतुर जिला बीजापुर पोमरा पंचायत भूमकाल मिलिशिया सदस्य ने आत्मसमर्पण कर कि‍या है।

उक्त नक्सलियों को आत्मसमर्पण कराने में आरएफटी (सूचना शाखा) दन्तेवाड़ा, 111वीं वाहिनी सीआरपीएफ एवं 230वीं वाहिनी सीआरपीएफ का योगदान रहा। आत्मसमर्पित नक्सलियों को पुनर्वास नीति के तहत 50-50 हजार रुपये की सहायता राशि के साथ छत्तीसगढ़ शासन द्वारा मिलने वाली अन्य सुविधाएं जैसे स्किल डेवलपमेंट के लिए प्रशिक्षण, कृषि भूमि आदि मुहैया कराई जाएगी। लोन वर्राटू अभियान के तहत् अब तक 226 इनामी सहित कुल 961 नक्सली आत्मसमर्पण कर समाज के मुख्यधारा से जुड़ चुके हैं।

उल्‍लेखनीय है क‍ि चलाये जा रहे नक्सल उन्मूलन लोन वर्राटू अभियान तथा छग शासन की पुनर्वास नीति के तहत जिला पुलिस बल और सीआरपीएफ के द्वारा भटके हुए नक्सलियों को समाज की मुख्यधारा में जोड़ने के लिए लगातार संपर्क शासन की नक्सल पुनर्वास नीति का व्यापक प्रचार-प्रसार गांव-गांव तक किया जा रहा है। इसके तहत नक्सलियों के आत्मसमर्पण करने का सिलसिला जारी है।

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हिन्दुस्थान समाचार / राकेश पांडे

   

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