दूरदर्शन अनुमोदित नाटक कलाकार संघ जम्मू के एक प्रतिनिधिमंडल ने सत शर्मा से मुलाकात की

जम्मू 28 जनवरी (हि.स.)। दूरदर्शन अनुमोदित नाटक कलाकार संघ जम्मू के एक प्रतिनिधिमंडल ने जम्मू-कश्मीर भाजपा के अध्यक्ष सत शर्मा से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने जम्मू में सैटेलाइट डुग्गर चैनल स्थापित करने से संबंधित अपनी मांगों से संबंधित एक ज्ञापन सौंपा। इस अवसर पर पूर्व उपमुख्यमंत्री कविंदर गुप्ता, नानाजी देशमुख पुस्तकालय प्रभारी प्रो. कुलभूषण मोहत्रा, परदुमन सिंह, विनय गुप्ता और नरिंदर गुप्ता भी मौजूद थे। उनका नेतृत्व डीएडीएए के अध्यक्ष जे.एस. बबली ने किया। ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने कहा कि डोगरी भाषा को भारत के संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल किया गया है और जम्मू डोगरा भूमि होने के कारण इस भाषा के प्रचार.प्रसार की आवश्यकता है। कश्मीर में कश्मीरी बोली जाती है जबकि जम्मू क्षेत्र में डोगरी बोली जाती है। कश्मीरी भाषा के दर्शकों के लिए एक कश्मीरी चैनल स्थापित किया गया है लेकिन दुर्भाग्य से डीएडीएए द्वारा डुग्गर चैनल के लिए बार.बार किए गए अनुरोध को स्वीकार नहीं किया गया है।

यह डोगरा चैनल जम्मू प्रांत के 32,200 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को कवर करेगा और जम्मू एवं कश्मीर राज्य के खिलाफ पाकिस्तान के झूठे प्रचार का मुकाबला कर सकता है क्योंकि यह भाषा अधिकतम क्षेत्रों में अच्छी तरह से समझी और बोली जाती है। जम्मू में डुग्गर चैनल प्रदान करके इस भाषा को बोलने वाले लोगों की सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा दिया जाएगा क्योंकि यह भाषा हिमाचल, पंजाब के कुछ हिस्से और जम्मू और पंजाब सीमा से सटे पाकिस्तान में भी बोली जाती है। वर्तमान डीडीके जम्मू केवल एक केंद्र है लेकिन देश के अन्य केंद्रों के बराबर बजट प्रदान नहीं किया जाता है। इसके अलावा पीजीएफ राजौरी भी डीडीके जम्मू पर निर्भर है क्योंकि इसके लिए कोई अलग से अनुदान बजट प्रदान नहीं किया जाता है।

कश्मीरी प्रवासी कलाकारों को भी डीडीके जम्मू के अनुदान से भोजन मिलता है। उन्होंने अनुरोध किया कि डीडीके जम्मू के लिए अनुदान बजट श्रीनगर केंद्र के बराबर आवंटित किया जाना चाहिए। उन्होंने आगे बताया कि उनके संघ ने 1999 में 24 घंटे सेवा वाले चौनल की मांग उठाई थी और अब वे दोहराते हैं कि वर्तमान डीडीके जम्मू को डीटीएच पर शामिल किया जाना चाहिए ताकि यह पूरे भारत और इसकी सीमाओं से परे पहुंच सके। डुग्गर चैनल के लिए प्रसार भारती को केवल आदेश जारी करने हैं क्योंकि डीडीके जम्मू में उपलब्ध बुनियादी ढांचे का उपयोग हमारे सांस्कृतिक मूल्योंए भाषाई बहुलता और समग्र विकास के पहलू को बेहतर ढंग से प्रचारित करने के लिए किया जा सकता है ताकि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जम्मू.कश्मीर राज्य का पर्याप्त प्रतिनिधित्व किया जा सकेए ताकि राज्य के खिलाफ पाकिस्तानी दुष्प्रचार का तथ्यों और आंकड़ों के साथ मुकाबला किया जा सके।

   

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