राज्य सूचना आयुक्त का आदेश : जेएनवीयू के कुलसचिव पर पांच हजार रुपए का लगाया जुर्माना
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- Mar 10, 2025

जोधपुर, 10 मार्च (हि.स.)। जय नारायण व्यास यूनिवर्सिटी के कुलसचिव द्वारा आरटीआई के तहत सूचना उपलब्ध नहीं कराने के एक मामले में राज्य सूचना आयुक्त महेंद्र कुमार पारख ने पांच हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। यह राशि कुल सचिव के वेतन से काटकर आयोग को भेजने के निर्देश दिए गए हैं। एक व्यक्ति ने वर्ष 2019 में सूचना के अधिकार कानून के तहत आवेदन कर कुछ सूचनाएं चाही थी। ये सूचनाएं नहीं मिलने पर एक्टिविस्ट ने अपील की थी।
दरअसल बाड़मेर के चौहटन निवासी जगदीश विश्नोई ने गत चार दिसंबर 2019 को जेएनवीयू से आरटीआई के तहत सूचनाएं मांगी थी। तय समय सीमा में सूचना उपलब्ध नहीं होने पर विश्नोई ने द्वितीय अपील की, तब परिवादी के पक्ष में 24 जून 2023 को फैसला हुआ। इसके बाद भी परिवादी को सूचना उपलब्ध नहीं कराई गई। तब परिवादी ने राज्य सूचना आयोग के समक्ष अपील दायर की गई। इस पर नौ अक्टूबर 2024 को राज्य सूचना आयुक्त की ओर से संबंधित पक्ष को नोटिस जारी किया गया। इसके जवाब में जेएनवीयू की ओर से अवगत कराया गया कि परिवादी को अभिलेख के अवलोकन हेतु आमंत्रित किया गया था, लेकिन परिवादी उपस्थित नहीं हुआ। वहीं द्वितीय अपील के आयोग के 24 जून 2023 के निर्णय से ही स्पष्ट हुआ कि अभिलेख के अवलोकन के संबंध में प्रत्यर्थी को कोई निर्देश नहीं दिए गए थे। बल्कि द्वितीय अपील में परिवादी द्वारा वांछित सूचना तृतीय पक्ष से संबंधित होने के प्रत्यर्थी के विनिश्चय को अस्वीकार करते हुए प्रत्यर्थी को सूचना उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए थे। प्रत्यर्थी के प्रतिनिधि के अनुसार परिवादी को कोई सूचना उपलब्ध नहीं करवाई गई है और न ही कोई लिखित या औपचारिक प्रत्युत्तर ही प्रस्तुत किया गया है।
अक्क्टूबर 24 में जारी किया नोटिस, नहीं दिया जवाब :
आयोग द्वारा प्रत्यर्थी को सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत दस अक्टूबर 2024 को नोटिस जारी किया गया। नोटिसों के बावजूद प्रत्यर्थी पक्ष द्वारा आयोग में कोई परिवादोत्तर प्रस्तुत नहीं किया और ना ही आयोग के निर्णय की पालना ही की गई। आयोग ने इसे आईटीआई कानून के प्रति लापरवाही माना और इसके लिए जेएनवीयू के राज्य सूचना अधिकारी को दोषी मानते हुए 5 हजार रुपए की शास्ति अधिरोपित करने के आदेश दिए। यह राशि प्रत्यर्थी के वेतन से काटकर यह राशि डिमांड ड्राफ्ट के जरिए राजस्थान राज्य सूचना आयोग के नाम तीस दिन में भेजने के आदेश दिए हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / सतीश