एटीएस का अधिकारी बनकर ठगी करने वाला एक ठग गिरफ्तार

जयपुर, 19 जनवरी (हि.स.)। रामगंज थाना पुलिस ने कार्रवाई करते हुए ऐसे एक शातिर ठग को गुड़गांव से पकड़ा है, जो खुद को एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (एटीएस) में अधिकारी बताता था। फिर लोगों को अपने जाल में फांसता और फिर सेल्फ ड्राइविंग के लिए ऑनलाइन बुक की रेंटल कार को खुद का बताकर बेच देता था। पुलिस की टीम गिरफ्तार आरोपी से पूछताछ कर रही है।

पुलिस उपायुक्त जयपुर (उत्तर) राशि डोगरा डूडी ने बताया कि रामगंज थाना पुलिस ने कार्रवाई करते हुए ठगी के मामले में आरोपी रिषभ अजमेरा (40) निवासी गुंटूर आंध्र प्रदेश हाल सिरसी रोड बिंदायका को गिरफ्तार किया है। इस संबंध में फेक डॉक्यूमेंट से रेंटल कार को बेचने का मामला रामगंज थाने में दर्ज हुआ थाा।

इसके बाद थानाधिकारी देवेन्द्र प्रताप के नेतृत्व में टीम ने मोबाइल लोकेश के आधार पर गुड़गांव के इफ्को चौक से आरोपी रिषभ अजमेरा को पकड़ा गया। पूछताछ में आरोपी ने खुद को एटीएस अधिकारी बताकर लोगों से मिलकर अपने जाल में फांसना बताया। सेल्फ ड्राइविंग के लिए ऑनलाइन ली रेंटल कार को ऑनर बनाकर बेच कर ठगी करना स्वीकार किया।

किराए की कार का 7.40 लाख रुपए में सौदा

थानाधिकारी देवेन्द्र प्रताप ने बताया कि घाटगेट बाजार रामगंज निवासी जावेद जोया (25) ने 5 जनवरी को मामला दर्ज करवाया था कि करीब 4-5 महीने पहले साथ क्रिकेट खेलने पर रिषभ अजमेरा से मुलाकात हुई थी। जान-पहचान के दौरान उसने खुद को एटीएस में अधिकारी होना बताया। उसके साथ ही गाड़ियों की खरीद-फरोख्त व कमीशन का भी काम करना बताया। रिषभ अजमेरा ने वॉट्सऐप कॉल कर उसकी पोस्टिंग गुड़गांव में होना बताया। इसके कारण उसकी कार को बेचने के बारे में बताया। कार की फोटो व डॉक्यूमेंट वॉट्सऐप पर भेजकर सौदा 7.40 लाख रुपए में तय किया। कार लेकर जयपुर आने की कहने पर रिषभ अजमेरा ने सरकारी काम में व्यस्त होना बताया। उसे पैसे लेकर गुड़गांव आने के लिए बुलाया। दोस्त के साथ वह कार लेने गुड़गांव पहुंचा। कीया कार पसंद आने पर डॉक्यूमेंट लेकर 7.40 लाख रुपए दे दिए। कार लेकर जयपुर आकर आरटीओ ऑफिस में नाम ट्रांसफर कराने गए। कार के डॉक्यूमेंट फर्जी होने का पता चलने पर रिषभ अजमेरा से सम्पर्क किया। हर बार संपर्क करने पर नया बहाना बनाकर टालमटोल करता। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसने मेल आईडी के जरिए दो दिन के लिए सेल्फ ड्राइविंग के लिए किया कार बुक करवाई थी। कार लेने नहीं जाने पर कंपनी का वर्कर उसके पास आकर कार और डॉक्यूमेंट दे गया। कार को जावेद जोया को बेच कर रुपए ले लिए। उसके बाद ऑनलाइन दूसरी कंपनी से ब्रिजा कार लेकर बेचना चाहता था। जिसकी फोटो जावेद जोया को भी भेजी थी। इससे पहले क्रेटा कार को सांभर लेक जयपुर में एक व्यक्ति को बेचना तय हुआ। उस व्यक्ति से 70 हजार रुपए लेकर कार नहीं दी।

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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश

   

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