बद्दी में तैनात आईपीएस ने खुद पुलिस हेडक्वार्टर में मांगी थी तैनाती 

सोलन, 4 जनवरी (हि.स.)। जिला सोलन के औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन पुलिस जिला की बहुचर्चित पुलिस अधीक्षक इल्मा अफरोज मामले में जनहित याचिका के कारण सच्चाई सामने आई है । इससे एक नया मोड़ आ गया है । अभी तक जहां विधायक राम कुमार पर आरोप लगाए जा रहे थे उन कयासों पर भी विराम लग गया है ।

बताते चलें कि पिछले दिनों हिमाचल हाईकोर्ट में आईपीएस इल्मा अफरोज की तैनाती को लेकर जनहित याचिका दायर की गई थी , जिसमें इल्मा अफरोज को बद्दी में छुट्टी से वापिस आने के बाद तैनाती देने की याचिका लगाई गई थी । इस मामले में दायर जनहित याचिका पर शनिवार को सुनवाई हुई, जिसमें प्रदेश के गृह सचिव व डीजीपी ने कोर्ट को एडवोकेट जनरल के माध्यम से बताया कि इल्मा अफरोज ने सरकार को खुद पत्र लिखकर बद्दी से ट्रांसफर मांगी थी, इसलिए ही उन्हें पुलिस मुख्यालय में तैनात किया गया है।सरकार ने उन्हें पुलिस मुख्यालय में 16 दिसंबर से तैनात किया है। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने सुचा राम की जनहित याचिका पर दोनों अधिकारियों को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा था। सुचा राम ने इस मामले में हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर रखी है। इसमें आग्रह किया गया कि इल्मा अफरोज की जल्द बद्दी में तैनाती की जाए। इल्मा की तैनाती से बद्दी की आम जनता कानून के हाथों सुरक्षित महसूस करेगी।गौर रहे कि हिमाचल विधानसभा के शीतकालीन सत्र से पहले ही बद्दी की एसपी इल्मा अफरोज वापस लौट आई हैं। इल्मा अफरोज ने लंबी छुट्टी के बाद लौटते ही 16 दिसंबर को शिमला स्थित पुलिस मुख्यालय में रिपोर्ट की। इल्मा के वापस आने से हिमाचल सरकार ने भी राहत की सांस ली है,दरअसल 18 दिसंबर से विधानसभा का शीतकालीन सत्र था । ऐसे में विपक्ष के हाथ से सरकार ने एक बड़ा मुद्दा छीन लिया था । इससे पहले विपक्ष इसे बड़ा मुद्दा बनाकर सरकार से कई सवाल दाग रहा था। लेकिन उसके बाद से सरकार ने इलमा को कहीं पर भी तैनाती नहीं दी है।

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हिन्दुस्थान समाचार / संदीप शर्मा

   

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