हेमवती नंदन बहुगुणा ने जनसरोकार को नई दिशा दी: सौरभ बहुगुणा

पौड़ी गढ़वाल, 25 अप्रैल (हि.स.)। मंत्री सौरभ बहुगुणा ने हेमवती नंदन बहुगुणा को स्मरण करते हुए कहा कि वे मुख्यमंत्री रहते हुए पर्वतीय विकास मंत्रालय की स्थापना की। उन्होंने ‘पर्वत टूट सकते हैं लेकिन झुक नहीं सकते’ जैसे नारों से जनसरोकार को नई दिशा दी।

गढ़वाल विश्वविद्यालय में शुक्रवार को हिमालय-पुत्र हेमवती नंदन बहुगुणा की 106वीं जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में बताओ और मुख्य अतिथि मंत्री सौरभ बहुगुणा ने यह बातें कहीं। मंत्री सौरभ बहुगुणा ने हेमंती नंदन बहुगुणा की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर कार्यक्रम की शुभारंभ की। इसके बाद आयोजित स्मृति व्याख्यानमाला में अपने दादा की स्मृतियों को साझा किया।

उन्होंने कहा कि हेमवती नंदन बनना आसान नहीं है, लेकिन उनके पदचिह्नों पर चलना मेरा लक्ष्य है। उन्होंने युवाओं से पर्वतीय क्षेत्रों के विकास में भागीदार बनने की अपील करते हुए कहा कि उनका सपना रोजगार और समृद्ध उत्तराखंड का था, जिसे पूरा करना हम सबकी जिम्मेदारी है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. मनमोहन सिंह रौथाण ने बहुगुणा जी को अपने छात्र जीवन की स्मृतियों में याद किया और बताया कि 1981-82 में बीबीसी जैसे बड़े चैनल भी उनकी कवरेज के लिए पौड़ी पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि “उस दौर में जनमानस की जुबान पर गूंजता था ‘हिमालय का चंदन, हेमवती नंदन।’

कला संचार एवं भाषा संकायाध्यक्ष प्रो. मंजुला राणा ने बहुगुणा जी के संघर्षपूर्ण जीवन की विस्तृत जानकारी दी, जिसमें उनके बुघाणी गांव से सत्ता के शिखर तक के सफर को दर्शाया गया।

हिन्दुस्थान समाचार / कर्ण सिंह

   

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