गुवाहाटी, 20 नवंबर (हि.स.)। असम सरकार द्वारा करीमगंज जिले का नाम बदलकर श्रीभूमि करने की घोषणा का अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) ने स्वागत किया है। असम और भारत के अन्य हिस्सों के नाम कुछ ऐसे नामों पर दिए गए हैं, जिनके शब्दकोश के अर्थ किसी भी भारतीय भाषा में नहीं मिलते। ऐसा ही एक नाम था करीमगंज। गौरतलब है कि आजादी से पहले 1919 में कविगुरु रवींद्रनाथ टैगोर ने इस भूमि को सुंदरी श्रीभूमि कहा था।
असम सरकार का करीमगंज जिले का नाम बदलकर शाब्दिक अर्थ वाला नाम और कविगुरु की स्मृति में नाम बदलने का निर्णय एक स्वागत योग्य निर्णय है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद असम प्रदेश ने इस फैसले का स्वागत किया है।
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश