एबीबीपी की एसईआईएल यात्रा के तहत कानपुर से रुबरु होंगे पूर्वोत्तर के छात्र
- Admin Admin
- Jan 23, 2025
— देश भर के छात्रों के बीच समन्वय बढ़ाने के लिए हर वर्ष होती है एक माह की यात्रा
कानपुर, 23 जनवरी (हि.स.)। विश्व के सबसे बड़े छात्र संगठन एबीवीपी हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी सांस्कृतिक आदान-प्रदान की यात्रा 24 जनवरी से शुरू करने जा रहा है। यात्रा के तहत पूर्वोत्तर भारत के 256 छात्रों में एक 30 सदस्यीय दल कानपुर भी आएगा और पांच दिनों में यहां की सांस्कृतिक विरासत से रुबरु होंगे। इसके साथ ही परिवारों के बीच रहकर भावनात्मक जुड़ाव भी मजबूत करेंगे। यह बातें गुरुवार को कानपुर प्रेस क्लब में प्रेस वार्ता के दौरान एबीवीपी के प्रांतीय सह मंत्री मयंक पासवान ने कही।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के पदाधिकारियों ने बताया कि 9 जुलाई 1949 से यह संगठन छात्रों के हक़ की लड़ाई और देश भर के छात्रों को संगठन से जोड़ने के लिए कार्यरत है। साथ ही देश के सर्वांगीण विकास सामाजिक एवं शैक्षणिक उन्नयन तथा राष्ट्र के पुनर्निर्माण का कार्य करता आ रहा है। इसी संकल्प के चलते स्टूडेंट एक्सपीरियंस इन इंटर स्टेट लिविंग (एसईआईएल) के तहत पूर्वोत्तर भारत के सेवन सिस्टर्स यानी कि अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड और त्रिपुरा के युवाओं को शेष भारत की सांस्कृतिक विरासत का परिचय कराने और भावनात्मक जुड़ाव को मजबूत करने के लिए यात्रा का आयोजन करता है।
यह यात्रा 1965 से शुरु हुई और हर वर्ष एक माह के लिए पूर्वोत्तर के छात्र यात्रा पर आते हैं। इस बार यात्रा के तहत कानपुर में गुहावटी से चलकर 30 सदस्यीय दल 24 जनवरी को कानपुर आ रहा है। पांच दिनों में दल के छात्र कानपुर की सांस्कृतिक विरासत से परिचित होंगे और परिवारों के बीच रहकर भावनात्मक जुड़ाव भी मजबूत करेंगे। इसके लिए कानपुर में 15 परिवारों का चयन किया गया है यानी एक परिवार में दो छात्र रहेंगे। इस यात्रा माध्यम से पूर्वोत्तर के छात्रों को मौका मिलता है कि वह देश के अन्य हिस्सों की संस्कृतिक परंपरा और सामाजिक जीवन को बेहतर तरीके से समझ सकें। यात्रा के जरिये यात्राओं छात्रों के बीच भाईचारे और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलता है। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य यह रहता है कि पूर्वोत्तर के छात्रों के बीच यह भावना जागृति करना है कि हम भारतीय एक हैं, क्योंकि पड़ोसी देश चीन वहां के लोगों के बीच तरह तरह के षड़यंत्र करके उनको भारत से दूरी बनाने का प्रयास करता है।
परिवार के सदस्य के रुप में रहेंगे छात्र
बताया कि कानपुर में आयोजित होने वाली इस विशेष यात्रा के दौरान छात्रों को कई ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों को देखने का अवसर भी मिलेगा। इन स्थलों को इस यात्रा के माध्यम से छात्रों को स्थानीय संस्कृति इतिहास और जीवन शैली से परिचित कराना है। उसके साथ यात्रा में प्रत्येक छात्र को एक स्थानीय मेजबान परिवार के साथ जोड़ा जाएगा। वहां उन्हें न केवल अतिथि के रूप में बल्कि परिवार के सदस्य के रूप में स्वागत किया जाएगा। यह पहल छात्रों को विभिन्न सांस्कृतिक संस्कृतियों के बीच बेहतर समाज और मेलजोल का अवसर प्रदान करती है।
हिन्दुस्थान समाचार / Rohit Kashyap