एयरो इंडिया के जरिये नौसेना ने दिखाई आसमानी ताकत में अपनी ‘आत्मनिर्भरता’
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- Feb 10, 2025
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- इंडिया पवेलियन में विभिन्न प्रकार के नौसैनिक विमानों का किया गया प्रदर्शन
बेंगलुरु, 10 फरवरी (हि.स.)। भारतीय नौसेना एयरो इंडिया के दौरान एक विजन दस्तावेज पेश कर रही है, जिसमें ‘आत्मनिर्भरता’ के लक्ष्य को आगे बढ़ाने का खाका तैयार किया गया है। इसे ‘आत्मनिर्भर भारतीय नौसेना उड्डयन-तकनीकी रोड मैप 2047’ नाम दिया गया है। भारतीय नौसेना जमीन से लेकर दूर ऊंचे समुद्रों और विशाल महासागरों में काम करती है, इसलिए आम लोगों को भारतीय नौसेना के विमानन प्लेटफार्मों के बारे में अधिक जानकारी नहीं है। एयरो इंडिया के दौरान आम जनता को विभिन्न प्रकार के नौसैनिक विमानों का प्रदर्शन करके उनसे परिचित कराया जा रहा है।
नौसेना के कैप्टन विवेक मधवाल ने बताया कि विजन दस्तावेज में कहा गया है कि अब तक खरीदार रही नौसेना अब बिल्डर नौसेना में तब्दील हो गई है। भारतीय शिपयार्ड में 60 से अधिक युद्धपोतों का निर्माण किया जा रहा है। भारतीय नौसेना का उड्डयन भी तरक्की के मार्ग पर दृढ़ता से आगे बढ़ रहा है। बेंगलुरु में हो रहा 'एयरो इंडिया' नौसेना विमानन को भविष्य की जरूरतों के लिहाज से खुद को प्रस्तुत करने के लिए मंच प्रदान कर रहा है। हथियारों की यह प्रदर्शनी उपयोगकर्ताओं, अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठानों, शिक्षाविदों, उद्योग भागीदारों, एमएसएमई और स्टार्टअप्स को विमानन के क्षेत्र में 2047 तक ‘विकसित भारत’ बनाने का सुनहरा मौका दे रही है। उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर का यह आयोजन किसी भी नौसेना विमानन प्लेटफ़ॉर्म में अनिवार्य रूप से आवश्यक तीन एस- सिस्टम, स्ट्रक्चर और सॉफ़्टवेयर के संबंध में है।
उन्होंने बताया कि इंडिया पैवेलियन में मिग-29के चौथी पीढ़ी के वाहक लड़ाकू विमान, कामोव 31 एयरबोर्न अर्ली वार्निंग हेलीकॉप्टर, सीकिंग 42बी और एमएच 60 आर एंटी-सबमरीन और एंटी-शिप हेलीकॉप्टर शामिल हैं। इसके अलावा भारतीय नौसेना ने प्रदर्शनी क्षेत्र में लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (नौसेना) को भी प्रदर्शित किया है। इस विमान को एयरोनॉटिकल डिज़ाइन एजेंसी ने डिज़ाइन और एचएएल ने निर्मित किया है। स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर एलसीए (नौसेना) की सफल लैंडिंग ने भारत को डेक बोर्न फाइटर एयरक्राफ्ट को डिजाइन करने, विकसित करने, परीक्षण करने और निर्माण करने की क्षमता वाले कुछ देशों की श्रेणी में ला खड़ा किया है।
एयरो इंडिया में एयरशो के दौरान फ्लाई-पास्ट के लिए विमानों की संरचनाओं में सम्पूर्ण नौसेना की वरुण संरचना ‘V’ आकार में होगी जो ‘विजय’ को दर्शाता है। इसमें नौसेना का टोही और समुद्री निगरानी विमान पी-8आई सबसे आगे होगा तथा उसके दोनों ओर मिग 29के और हॉक 132 विमान होंगे। इंडिया पैवेलियन में डीआरडीओ और नौसेना की साझेदारी में विकसित स्वदेशी अत्याधुनिक मिसाइलों, हवा से गिराए जाने योग्य सर्च एंड रेस्क्यू (एसएआर) किट, लॉजिस्टिक स्टोर के लिए एयर ड्रॉपेबल कंटेनर (एडीसी), मिग 29के के लिए वाहक जनित प्रणालियों और एडवांस लाइट वेट टारपीडो (एएलडब्ल्यूटी) को दिखाया गया है। इंडिया पैवेलियन में भारतीय नौसेना के भविष्य के डेक जनित लड़ाकू विमान का एक छोटा मॉडल भी प्रदर्शित किया गया है, जिसमें ट्विन इंजन डेक बेस्ड फाइटर स्की जंप पर रखा गया है।
कैप्टन मधवाल ने बताया कि भारतीय नौसेना विमानन की भविष्य की आवश्यकताओं को प्रोजेक्ट करने के लिए 12 फरवरी को एयरो इंडिया के दौरान 'आत्मनिर्भर भारतीय नौसेना विमानन में परिवर्तन-2047 और इससे जुड़े पारिस्थितिकी तंत्र' पर एक सेमिनार भी होगी। भविष्य की थीम स्वतंत्रता दिवस के शताब्दी वर्ष तक आत्मनिर्भरता पर केंद्रित है। पिछले कुछ वर्षों में अपने दायरे, कद और परिमाण में वृद्धि के साथ एयरो इंडिया 2025 नौसेना विमानन के विकास और सशक्तीकरण और राष्ट्र के रक्षा बलों की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और कदम साबित होगा।----------
हिन्दुस्थान समाचार / सुनीत निगम