एएनआरएफ भारतीय विश्वविद्यालयों में 'त्वरित नवाचार और अनुसंधान के लिए साझेदारी' कार्यक्रम शुरू करेगा 

नई दिल्ली, 14 नवंबर (हि.स.)। गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान उन्मुख उच्च शिक्षा के बारे में प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (एएनआरएफ) ने त्वरित नवाचार और अनुसंधान के लिए साझेदारी (पीएआईआर) कार्यक्रम शुरू करने की घोषणा की है।

एएनआरएफ का संचालन 10 सितंबर, 2024 को गवर्निंग बोर्ड की पहली बैठक के साथ शुरू किया गया था। इसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गवर्निंग बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में की थी। यह देश के अनुसंधान एवं विकास पारिस्थितिकी तंत्र के लिए एक नई शुरुआत का संकेत है। पीएआईआर कार्यक्रम भारतीय विश्वविद्यालयों में बड़ा परिवर्तन लाएगा। एएनआरएफ की गवर्निंग बोर्ड की बैठक में हब और स्पोक मॉडल में एक कार्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया गया था। इसमें उन विश्वविद्यालयों को जोड़ा जाएगा, जहां अनुसंधान प्रारंभिक अवस्था में है। उन्हें शीर्ष स्तरीय स्थापित संस्थानों के साथ मेंटरशिप मोड में जोड़ा जाएगा।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 द्वारा निर्धारित उद्देश्यों के साथ संरेखित पीएआईआर पहल को शीर्ष स्तरीय संस्थानों के साथ सहयोग को बढ़ावा दिया जाएगा। यह भारतीय विश्वविद्यालयों, विशेष रूप से सीमित शोध क्षमताओं वाले केंद्रीय और राज्य सार्वजनिक विश्वविद्यालयों में अनुसंधान उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह संस्थानों में व्यवस्थित अनुसंधान विकास को सुविधाजनक बनाने के लिए एक मेंटरशिप-संचालित हब और स्पोक ढांचे के माध्यम से किया जाएगा। ये हब उभरते संस्थानों (स्पोक) को अनुसंधान गतिविधियों में मार्गदर्शन करेंगे, उनके संसाधनों और विशेषज्ञता का दोहन करने के लिए पहुंच प्रदान करेंगे। इस प्रकार संस्थानों के बीच की खाई को पाटेंगे और देश में एक मजबूत अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र का पोषण करेंगे।

केंद्रीय सचिव, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग तथा अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन के सीईओ प्रोफेसर अभय करंदीकर ने इस बात पर जोर दिया कि पीएआईआर कार्यक्रम उन विश्वविद्यालयों में परिवर्तनकारी अनुसंधान के लिए उत्प्रेरक के रूप में कार्य करता है। ये सुस्थापित संस्थान समग्र अनुसंधान मानकों को बढ़ाने के लिए आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा कि अपने पहले चरण में अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन कुछ चुनिंदा विश्वविद्यालयों और संस्थानों को लक्षित करेगा। बाद में इसका दायरा बढ़ाया जाएगा। इसका उद्देश्य हमारे विश्वविद्यालयों में अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र में सुधार करना है।

प्रथम चरण में हब संस्थानों में शीर्ष 25 राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ़्रेमवर्क (एनआईआरएफ) समग्र रैंकिंग वाले संस्थानों के साथ-साथ शीर्ष 50 एनआईआरएफ समग्र रैंकिंग वाले राष्ट्रीय महत्व के संस्थान भी शामिल होंगे। स्पोक संस्थानों में केंद्रीय और राज्य सार्वजनिक विश्वविद्यालय तथा चुनिंदा एनआईटी और आईआईआईटी शामिल होंगे। बाद के चरणों में अन्य विश्वविद्यालयों और संस्थानों को शामिल करने के लिए पात्रता शर्तों का विस्तार किया जाएगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / दधिबल यादव

   

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