गुरुग्राम: पंडित नेहरू ने की थी धर्मनिरपेक्षता को बढ़ावा देने की वकालत: पंकज डावर
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- Nov 14, 2024
-कांग्रेस भवन में बाल दिवस पर पंडित जवाहर लाल नेहरू को दी श्रद्धांजलि
गुरुग्राम, 14 नवंबर (हि.स.)। भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की जयंती के उपलक्ष्य में गुरुवार को यहां कमान सराय स्थित कांगे्रस भवन में एक सभा का आयोजन किया गया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पंकज डावर के नेतृत्व में कांगे्रस नेत्री पर्ल चौधरी, सीमा हुड्डा, सुनीता तोमर के अलावा सूबे सिंह यादव, जय सिंह हुड्डा, कुलदीप मोलाहेड़ा, मनोज आहुजा, विशाल सुदन, दीपक सिंह समेत काफी नेता, कार्यकर्ताओं ने भी पंडित जवाहर लाल नेहरू जी को श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
इस अवसर पर वरिष्ठ नेता पंकज डावर ने कहा कि पंडित जवाहर लाल नेहरू का भारत देश के निर्माण में बहुत अहम योगदान है। उन्हें मानवतावाद के सिद्धांतों में विश्वास था। उन्होंने सामाजिक न्याय, धर्मनिरपेक्षता और मानव अधिकारों को बढ़ावा देने की वकालत की। पंडित जवाहरलाल नेहरू ने मानवतावाद में योगदान वैज्ञानिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कार्य किए। विज्ञान और वैज्ञानिक सोच पर पंडित नेहरू जी का जोर भारत देश की प्रगति और विकास के लिए महत्वपूर्ण साबित हुआ। उनका मानना था कि वैज्ञानिक ज्ञान और तकनीकी प्रगति भारत की बढ़ोतरी के लिए जरूरी है। नए आविष्कारों को बढ़ावा देने व आर्थिक रूप से देश को मजबूत बनाने के लिए रिसर्च, शिक्षा व बुनियादी ढांचे पर भी उन्होंने जोर दिया था। पंडित नेहरू सितंबर 1923 में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव बने। वर्ष 1926 में मद्रास कांग्रेस में कांग्रेस को आजादी के लक्ष्य के लिए पंडित जवाहर लाल नेहरू की महत्वपूर्ण भूमिका थी।
वर्ष 1929 में पंडित नेहरू भारतीय राष्ट्रीय सम्मेलन के लाहौर सत्र के अध्यक्ष चुने गए, जिसका मुख्य लक्ष्य देश के लिए पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त करना था। उन्होंने जुलाई 1938 में स्पेन का भी दौरा किया, जब वहां गृह युद्ध चल रहा था। मात्र 15 साल की उम्र में वे इंग्लैंड चले गए। हैरो में दो साल रहने के बाद उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया। वहां से उन्होंने प्राकृतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। 1912 में भारत लौटने के बाद वे सीधे राजनीति से जुड़ गए। छात्र जीवन के दौरान भी वे विदेशी हुकूमत के अधीन देशों के स्वतंत्रता संघर्ष में रुचि रखते थे। भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में उनकी भूमिका अहम रही।
हिन्दुस्थान समाचार / ईश्वर हरियाणा