आसियान बैठक में राजनाथ द. कोरिया, ऑस्ट्रेलिया व न्यूजीलैंड के अपने समकक्षों से मिले, रक्षा सहयोग बढ़ाने पर हुई चर्चा

नई दिल्ली, 21 नवंबर (हि.स.)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को वियनतियाने लाओ पीडीआर में 11वीं आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक (एडीएमएम)-प्लस के दौरान कोरिया गणराज्य के राष्ट्रीय रक्षा मंत्री किम योंग ह्यून, ऑस्ट्रेलिया के रक्षा उद्योग और क्षमता वितरण मंत्री पैट कॉनरॉय और न्यूजीलैंड की रक्षा मंत्री सुश्री जूडिथ कोलिन्स से मुलाकात की। इनके साथ द्विपक्षीय रक्षा सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई। इससे पहले राजनाथ सिंह ने अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड जे ऑस्टिन के साथ भी बैठक की थी।

कोरिया गणराज्य के राष्ट्रीय रक्षा मंत्री के साथ बैठक

कोरिया गणराज्य के राष्ट्रीय रक्षा मंत्री किम योंग ह्यून के साथ बैठक के दौरान दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि द्विपक्षीय रक्षा सहयोग सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रहा है। इसके बावजूद चुनौतियों और खतरों की समानता के कारण मजबूत द्विपक्षीय रक्षा संबंधों की आवश्यकता है। दोनों पक्ष रक्षा नीति संवाद (डीपीडी) जैसे स्थापित तंत्रों के माध्यम से फरवरी 2020 में हस्ताक्षरित ‘रक्षा उद्योग निगम के लिए रोड मैप’ पर मिलकर काम करने पर सहमत हुए। डीपीडी का अगला संस्करण दिसंबर 2024 में निर्धारित है।

रक्षा मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों के रक्षा विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र में सह-उत्पादन और सह-विकास में वृद्धि की बहुत संभावनाएं हैं। उन्होंने कोरियाई पक्ष को भारत के रक्षा गलियारों में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया, जिसमें कोरियाई कंपनियों के लिए भारत में विनिर्माण सुविधाएं स्थापित करने के लिए अच्छा अवसर हैं। राजनाथ सिंह ने किम योंग ह्यून को कोरिया का रक्षा मंत्री नियुक्त किए जाने पर बधाई भी दी।

ऑस्ट्रेलिया के रक्षा उद्योग एवं क्षमता वितरण मंत्री के साथ की बैठक

आस्ट्रेलिया के अपने समकक्ष पैट कॉनरॉय को राजनाथ सिंह ने याद दिलाया कि भारत-ऑस्ट्रेलिया साझेदारी साझा हितों, विशेष रूप से हिंद महासागर क्षेत्र में स्थिरता और सुरक्षा पर आधारित है। उन्होंने पिछले कुछ वर्षों में रक्षा संबंधों में हासिल की गई महत्वपूर्ण उपलब्धियों पर प्रसन्नता व्यक्त की। राजनाथ सिंह ने भारतीय और रक्षा उद्योगों के लिए विशेष क्षेत्रों में सहयोग करने की अप्रयुक्त क्षमता की ओर इशारा किया।

इस मुलाकात के दाैरान दोनों देशों के बीच हवा से हवा में ईंधन भरने की व्यवस्था को लागू करने पर बातचीत हुई। इससे दोनों वायु सेनाओं के बीच अंतर-संचालन क्षमता मजबूत होगी, जो द्विपक्षीय संबंधों में एक महत्वपूर्ण कदम है। दोनों पक्ष द्विपक्षीय रूप से और साथ ही क्षेत्रीय संदर्भ में सहयोग करके रक्षा संबंधों को अगले उच्च स्तर पर ले जाने पर सहमत हुए।

न्यूजीलैंड के रक्षा मंत्री के साथ बैठक

रक्षा मंत्री राजनाथ ने कहा कि भारत-न्यूजीलैंड संबंध साझा लोकतांत्रिक परंपराओं, शासन की संस्थाओं की समानता, कानून के शासन, अंग्रेजी भाषा, क्रिकेट, पर्वतारोहण और हॉकी के प्रति प्रेम तथा शांतिपूर्ण, सुरक्षित और समृद्ध हिंद-प्रशांत क्षेत्र के साझा दृष्टिकोण पर आधारित हैं। उन्होंने दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को और मजबूत करने के लिए रक्षा सहयोग समझौते (डीसीए) को शीघ्र अंतिम रूप देने का अनुरोध किया, जो वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों और नौसेना के जहाजों के नियमित आदान-प्रदान के माध्यम से लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने भारत के मजबूत जहाज निर्माण उद्योग की क्षमताओं पर भी प्रकाश डाला और दोनों पक्ष इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए।

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हिन्दुस्थान समाचार / दधिबल यादव

   

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