अभिमान ही मनुष्य की सबसे बड़ी बाधा : डाॅ. जगदीश प्रसाद कोठारी

मुरादाबाद, 17 सितंबर (हि.स.)। जब जीवात्मा की प्रभु से मिलने की प्रबल इच्छा होती है, तभी भगवान स्वयं प्रकट होकर अपने भक्तों का कल्याण करते हैं। भक्तों को अहंकार का त्याग करना चाहिए। अभिमान ही मनुष्य की सबसे बड़ी बाधा है। भागवत कथा का सार यही है कि मनुष्य को विनम्रता, भक्ति और सेवा भाव को अपनाना चाहिए। यह बातें सुप्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय ज्योतिषाचार्य राष्ट्रपति शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित कथा व्यास डाॅ. जगदीश प्रसाद कोठारी ने दिल्ली रोड स्थित राही होटल में मुरादाबाद नगर विधानसभा से भाजपा विधायक रितेश गुप्ता व भाजपा के बेटी बचाओ -बेटी पढ़ाओ अभियान की संयोजिका अल्पना रितेश गुप्ता के सौजन्य से हो रही सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के सातवें दिन बुधवार को भक्तों को संबोधित करते हुए कहीं।

मंगलवार को श्रीमद् भागवत कथा के दौरान आचार्य डाॅ. जगदीश प्रसाद कोठारी ने आगे बताया कि प्रभु हमेशा अपने भक्तों की पुकार को सुनते हैं और उनके जीवन को धर्ममार्ग पर अग्रसर करने का संकल्प लेते हैं। आचार्यश्री ने कहा कि कथा सुनने का महत्व तभी है जब मन, वचन और कर्म को एकाग्र करके पूरी निष्ठा से कथा का श्रवण किया जाए। उन्होंने श्रोताओं को समझाया कि जैसे तेल की धारा टूटे बिना निरंतर बहती रहती है, वैसे ही मनुष्य का ध्यान भी प्रभु भक्ति में अखंड रूप से स्थिर रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि भगवान ने मनुष्य को जिह्वा दी है तो उसका सर्वोत्तम उपयोग कीर्तन और भजन में करना चाहिए।

मुख्य यजमान के रूप में मुरादाबाद नगर विधायक रितेश गुप्ता व भाजपा बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान की संयोजिका अल्पना रितेश गुप्ता रहीं।

हिन्दुस्थान समाचार / निमित कुमार जायसवाल

   

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