अभिषेक बनर्जी ने नए साल के संदेश में तृणमूल कांग्रेस और ममता बनर्जी का जिक्र नहीं किया
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- Jan 01, 2025
कोलकाता, 01 जनवरी (हि. स.)। नए साल के मौके पर तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और लोकसभा सांसद अभिषेक बनर्जी द्वारा जारी संदेश ने पश्चिम बंगाल के राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। बुधवार को जारी इस संदेश में न तो उन्होंने अपनी पार्टी तृणमूल कांग्रेस का नाम लिया, न मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का और न ही राज्य सरकार का कोई जिक्र किया।
राज्य की सत्ता के गलियारों में लंबे समय से नए और पुराने नेताओं के बीच मतभेद की चर्चाएं हो रही हैं। ऐसे में अभिषेक बनर्जी का यह संदेश इन अटकलों को और बल देता है।
अभिषेक बनर्जी ने अपने संदेश में कहा कि जैसे ही हम 2025 का स्वागत करते हैं, चलिए उम्मीद और दृढ़ संकल्प के साथ आगे बढ़ते हैं। हर नया साल एक नई शुरुआत का मौका लेकर आता है, एक ऐसा रास्ता चुनने का मौका जो साहस, करुणा और उद्देश्य से प्रेरित हो।
उन्होंने चुनौतियों को पार करने, सौहार्द बढ़ाने और एक उज्ज्वल भविष्य की दिशा में मिलकर काम करने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि इस साल हमें चुनौतियों से ऊपर उठने, एकता में मजबूती पाने और हर कठिनाई का सामना करने की प्रेरणा मिले। यह साल हमें सार्थक प्रगति, साझा खुशी और अपार अवसरों से भरा मिले। आप सभी को नया साल 2025 मुबारक हो!
इसके विपरीत, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने संदेश में अपनी पार्टी तृणमूल कांग्रेस का स्पष्ट राजनीतिक संदर्भ दिया। उन्होंने पार्टी के स्थापना दिवस पर अपने संदेश में लिखा, रोशनी चांद से होती है, सितारों से नहीं। मोहब्बत तृणमूल कांग्रेस से होती है, और किसी से नहीं।
ममता बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों को धन्यवाद देते हुए कहा कि दो दशकों में हर विरोध, हर जीत और हर चुनौती ने हमारे इस विश्वास को मजबूत किया है कि राजनीति सत्ता के लिए नहीं, बल्कि सेवा के लिए है। इस खास मौके पर मैं हर तृणमूल सैनिक से अपील करती हूं कि वे लोगों के लिए लड़ने की अपनी प्रतिज्ञा को दोहराएं और 'मां, माटी, मानुष' के मूल विचारों को याद रखें।
इस घटनाक्रम ने तृणमूल कांग्रेस के अंदरूनी हालात को लेकर नई चर्चाओं को जन्म दिया है। अभिषेक बनर्जी का यह संदेश और ममता बनर्जी का राजनीतिक बयान दोनों ही पार्टी के भविष्य को लेकर अलग-अलग संदेश देते प्रतीत हो रहे हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर