देवताओं का घमंड चूर किया आदि शक्ति दुर्गा ने: साध्वी गीताम्बा तीर्थ

वाराणसी, 27 मार्च (हि.स.)। हाइवे किनारे डाफी स्थित एक वाटिका में चल रहे श्रीमद् देवी भागवत कथा के नौवे दिन गुरुवार को देवी उपासिका साध्वी गीताम्बा तीर्थ ने अपने श्रीमुख से ज्ञान गंगा की बारिश की। देवी कथा का अमृत पान कराते हुए साध्वी गीताम्बा तीर्थ ने कहा कि मां आदि शक्ति ने देवताओं का भी घमंड चूर किया था।

कथा के दौरान उन्होंने बताया कि शुंभ-निशुंभ और दानव राज अरुण के वध के बाद, सभी देवताओं के मन में यह अहंकार उत्पन्न हो गया था कि वे ही सर्वशक्तिमान हैं, वे ही सर्वोत्तम हैं। इसी समय, स्वर्ग से एक तेज ज्वाला निकली, जिसे देखकर इंद्र देवता भयभीत हो गए। उन्होंने वरुण देवता को भेजा, ताकि वह इस ज्वाला के बारे में पता कर सकें।

जब वरुण उस ज्वाला के पास पहुंचे और पूछा, “आप कौन हैं?”, तो ज्वाला ने उल्टा सवाल पूछा, “आप कौन हैं?” वरुण ने गर्व से कहा, “मैं वरुण हूं, और मैं दो मिनट में पूरे ब्रह्मांड को बहा सकता हूं।” तब ज्वाला ने जवाब दिया, “आप उस तिनके को बहा कर दिखाइए।”

वरुण ने अपनी पूरी शक्ति लगाई, लेकिन वह तिनका अपनी जगह से हिला भी नहीं। इसके बाद, इंद्र देवता ने अग्नि, वायु और सभी देवताओं को भेजा, लेकिन कोई भी उस तिनके को हिला नहीं पाया। अंततः स्वयं इंद्र देवता वहां पहुंचे, और तब वह ज्वाला गायब हो गई।

दुखी होकर इंद्र देवता गुरु बृहस्पति के पास पहुंचे, और गुरु ने उन्हें आदिशक्ति की आराधना करने का परामर्श दिया। जब इंद्र ने आदिशक्ति की आराधना की, तब वह ज्वाला के रूप में प्रकट हुई और इंद्र से कहा, “यह सारी सृष्टि आदि शक्ति के आशीर्वाद से चल रही है। देवताओं को घमंड नहीं करना चाहिए। आज जो कुछ भी है, वह आदि शक्ति के चाहने से ही है। यह पूरी सृष्टि की रचना आदि सृष्टि के द्वारा है।”

देवी उपासिका ने कहा कि आदिशक्ति ने देवताओं का घमंड चूर कर उन्हें यह सिखाया कि घमंड करना किसी के लिए भी उचित नहीं है। आदिशक्ति की आराधना से जहां सभी कष्ट दूर होते हैं, वहीं मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं। कथा के अंत में आरती का आयोजन किया गया, और भक्तों में प्रसाद का वितरण भी किया गया।

—देवी उपासिका का हुआ अभिनंदन

कथा स्थल पर ही साध्वी गीताम्बा तीर्थ का अभिनंदन किया गया। देवी उपासिका साध्वी गीताम्बा तीर्थ, जो पिछले 14 वर्षों से कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ समाज में जन चेतना जगा रही हैं, का जागृति फाउंडेशन के अगुवाई में नागरिक अभिनंदन किया गया।

इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि समाजसेवी नागेश सिंह, विशिष्ट अतिथि नगवा वार्ड के पार्षद रविंद्र सिंह, पहलवान लस्सी लंका के पहलवान मनोज यादव, काशी विश्वविद्यालय स्थित सेंट्रल लाइब्रेरी के रामा पांडेय और फाउंडेशन के महासचिव रामयश मिश्र ने संयुक्त रूप से साध्वी का माल्यार्पण, स्मृति चिन्ह और लाल चुनरी पहनाकर नागरिक अभिनंदन किया। समाजसेवी नागेश सिंह और पार्षद रविंद्र सिंह ने इस अवसर पर कहा, कन्या भ्रूण हत्या समाज का एक बड़ा अपराध है, और इसे समाप्त करना बहुत जरूरी है। हमें समाज में यह चेतना फैलानी होगी कि लड़का और लड़की में कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। कार्यक्रम के संयोजक रामयश मिश्र ने कहा, यह देखकर बहुत दुख होता है कि लोग गर्भ में पल रही बेटियों को मारने का निर्णय लेते हैं, जबकि वही लोग मंदिरों में जाकर सुख-संपत्ति की कामना करते हैं। यह दोहरा चरित्र समाज के लिए हानिकारक है।

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी

   

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