ट्रिपल आईटी में पांच दिवसीय ‘उन्नत उद्यमिता और कौशल विकास कार्यक्रम’ का शुभारम्भ
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- Feb 10, 2025
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-राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने में साइबर सुरक्षा की परिवर्तनकारी शक्ति पर जोर
प्रयागराज, 10 फरवरी (हि.स.)। भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (ट्रिपल आईटी) इलाहाबाद में सोमवार को “नई पीढ़ी के साइबर सुरक्षा उद्यमियों के लिए कौशल-सेट“ को बढ़ाने पर केंद्रित पांच दिवसीय उन्नत उद्यमिता और कौशल विकास कार्यक्रम (ए-ईएसडीपी) शुरू हुआ। कार्यशाला का उद्देश्य महत्वाकांक्षी उद्यमियों और पेशेवरों को अत्याधुनिक साइबर सुरक्षा ज्ञान, उद्यमशीलता रणनीतियों और उद्योग तैयार दक्षताओं से सशक्त बनाना है।
उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि आईआईटी कानपुर के कम्प्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर संदीप कुमार शुक्ला ने तकनीकी प्रगति को आगे बढ़ाने और राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने में साइबर सुरक्षा की परिवर्तनकारी शक्ति पर जोर दिया।
संस्थान के निदेशक प्रो. मुकुल एस. सुतावणे ने प्रतिभागियों को साइबर सुरक्षा के गतिशील क्षेत्र में नवाचार करने और नेतृत्व करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि व्यावहारिक प्रशिक्षण कार्यशाला को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई), भारत सरकार द्वारा समर्थित किया गया है।
इस अवसर पर आईआईटी कानपुर के सी3आई हब के मुख्य रणनीति अधिकारी रोहित नेगी, संस्थान के निदेशक और कार्यक्रम के मुख्य संरक्षक प्रोफेसर मुकुल एस सुतावणे और आईआईआईटी इलाहाबाद के कुलसचिव और कार्यक्रम के सह संरक्षक डॉ.मंदार सुभाष कार्यकर्ते भी उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का नेतृत्व डॉ.अभिषेक वैश (प्रधान अन्वेषक) और डॉ.अनुरिका वैश (नोडल अधिकारी) ने किया। डॉ. प्रज्ञा सिंह और डॉ. एस. वेंकटेशन ने कार्यक्रम का समन्वय किया, प्रतिभागियों की सहभागिता और सीखने को अधिकतम करने के लिए सत्रों का आयोजन किया। डॉ. अभिषेक वैश ने कार्यशाला के उद्देश्यों और भारत में साइबर सुरक्षा उद्यमिता के भविष्य को आकार देने की इसकी क्षमता पर प्रकाश डाला।
ट्रिपल आईटी के पीआरओ डॉ पंकज मिश्र ने बताया कि कार्यशाला में साइबर सुरक्षा, नैतिक हैकिंग, डेटा संरक्षण और जोखिम प्रबंधन में अत्याधुनिक विषयों को कवर करते हुए विशेषज्ञ व्याख्यान, इंटरैक्टिव सत्र और व्यावहारिक प्रदर्शनों की एक श्रृंखला शामिल थी। उद्योग के नेताओं, शिक्षाविदों और साइबर सुरक्षा पेशेवरों ने अपनी अंतर्दृष्टि साझा की, प्रतिभागियों को वर्तमान चुनौतियों और क्षेत्र में उभरते रुझानों के बारे में समग्र दृष्टिकोण प्रदान किया। पूरे भारत में सहयोगी परियोजनाओं और नेटवर्किंग सत्रों में लगे छात्रों, पेशेवरों और शुरुआती चरण के स्टार्टअप संस्थापकों सहित 25 प्रतिभागियों के केंद्रित समूह ने सत्रों में भाग लिया। सत्र का समापन नोडल अधिकारी डॉ.अनुरिक वैश द्वारा सभी का आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ।
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हिन्दुस्थान समाचार / विद्याकांत मिश्र