मतदाताओं के साथ ही मतदान केन्दों की संख्या भी बढ़ी : महाजन

जयपुर, 8 जनवरी (हि.स.)। राजस्थान में विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (एसएसआर) कार्यक्रम-2025 के तहत मतदाता सूचियों में नए नाम जोड़ने, हटाने और संशोधन प्रक्रिया के दौरान बीते कुछ माह के दौरान बड़ी संख्या में नए लोगों और विशेषकर महिलाओं को पहली बार मतदाताओं के रूप में पंजीकृत किया गया है। इसके परिणाम स्वरुप प्रदेश में मतदाता-जनसंख्या अनुपात (ईपी रेश्यो) और महिला-पुरुष मतदाता लिंगानुपात (जेंडर रेश्यो) बढ़कर अब तक के सर्वाधिक रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए हैं।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने एसएसआर-2025 के तहत प्रदेश के सभी 200 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के लिए प्रकाशित अंतिम एकीकृत मतदाता सूचियों के विषय में राजस्थान में मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इन सूचियों के अनुसार, राज्य में मतदाताओं की कुल संख्या में 10,89,723 की वृद्धि के साथ ही मतदान केन्द्रों की संख्या भी बढ़ गई है। बैठक में भारतीय जनता पार्टी, इंडियन नेशनल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी आदि के प्रतिनिधि माैजूद रहे।

महाजन ने बताया कि मतदाता सूचियों के पुनरीक्षण के दौरान निर्वाचन विभाग के अधिकारियों ने नए मतदाताओं, विशेषकर महिलाओं के मतदाता के रूप पंजीकरण पर फोकस किया। उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों से शादी के बाद प्रदेश में आने वाली महिलाओं की शादी का पंजीकरण नहीं होना और पते में बदलाव की स्थिति में नए स्थान पर निवास के मान्य दस्तावेज उपलब्ध नहीं होना उनके मतदाता के रूप में पंजीकरण में बड़ी बाधा थे। इसका समाधान करते हुए जिलों के निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों ने ऐसी महिलाओं को शपथ-पत्र के आधार पर मतदाताओं के रूप में पंजीकृत किया है। इसका परिणाम यह हुआ कि एसएसआर के दौरान महिला मतदाताओं की संख्या में उल्लेखनीय बढोतरी हुई और प्रारूप सूचियों के प्रक्राशन के समय मतदाता लिंगानुपात 924 से बढ़कर अंतिम सूचियों के प्रकाशन के समय 932 पहुंच गया, जो अब तक का सर्वाधिक है।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि इसी क्रम में प्रदेश की कुल अनुमानित जनसंख्या के मुकाबले कुल मतदाताओं की संख्या के अनुपात में भी एसएसआर-2025 के दौरान रिकॉर्ड सुधार हुआ है। यह अनुपात अब प्रारूप सूचियों के प्रकाशन के समय 650 के मुकाबले अंतिम सूचियों के प्रकाशन के समय 663 हो गया है।

महाजन के अनुसार, मतदाताओं की संख्या बढ़ने के क्रम में निर्वाचन विभाग ने प्रदेश में मतदान केन्द्रों का पुनर्गठन किया है। अब प्रदेश में कुल मतदान केन्द्र 52,469 हो गए हैं। पिछले वर्ष एसएसआर-2024 के समय प्रदेश में 51,756 मतदान केन्द्र थे। एसएसआर-2025 के दौरान 716 नए मतदान केन्द्र स्थापित करने तथा तीन मतदान केन्द्र समायोजित किए गए। इसके बाद अब मतदान केन्द्रों की संख्या में कुल 713 की वृद्धि हुई है। नए राजस्व गांवों के लिए यथासंभव पृथक मतदान केन्द्र तथा कुछ मतदान केन्द्रों पर मतदाताओं की संख्या अधिक होने के आधार पर नए मतदान केन्द्र बनाए गए हैं।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / रोहित

   

सम्बंधित खबर