राग मारू बिहाग से अमान ने मचाई धूम, आनंद नाट्यम से कनक सुधाकर दल ने बांधा समां

उदयपुर, 2 मार्च (हि.स.)। पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, उदयपुर द्वारा आयोजित तीन दिवसीय ‘ऋतु वसंत’ उत्सव का समापन रविवार को मुक्ताकाशी रंगमंच पर हुआ।

इसमें जयपुर के शास्त्रीय गायक मोहम्मद अमान खान ने अपनी मधुर गायकी से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने राग मारू बिहाग में ‘रसिया हो ना जाए’ व ‘राखो मोरी लाज’ प्रस्तुत कर वसंत के उल्लास को सुरों में पिरो दिया। तबले पर रमजान हुसैन, हारमोनियम पर अनूप राज पुरोहित, तानपुरा पर विशाल राठौड़ और डिंपी सुहालका ने संगत दी।

समापन की अंतिम प्रस्तुति दिल्ली की सुप्रसिद्ध नृत्यांगना कनक सुधाकर और उनके दल ने ‘आनंद नाट्यम’ भरतनाट्यम नृत्य से दी। गुरु कनक सुधाकर के निर्देशन में वरिष्ठ शिष्याएं अपराजिता, श्रुतिका, उपासना, प्रहरिणी, सारध्युति, आन्याश्री, अरुणिमा और गरिमा ने अपनी प्रस्तुति से समां बांध दिया। कार्यक्रम में पुष्प अलारिप्पु, आकाश लिंगम और वृंदावन में नवरस जैसी प्रस्तुतियों ने वसंत ऋतु की उमंग को मंच पर सजीव कर दिया।

केंद्र निदेशक फुरकान खान ने बताया कि यह उत्सव भारतीय सांस्कृतिक विरासत को संजोने का प्रयास है। समारोह में डॉ. प्रेम भंडारी, पामिल मोदी, विलास जानवे, भानुप्रिया रोहिल्ला सहित कई गणमान्य उपस्थित रहे। संचालन मोहिता दीक्षित ने किया।

हिन्दुस्थान समाचार / सुनीता

   

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