
देहरादून, 5 मई (हि.स.)। उधमसिंहनगर में महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की नंदा गौरा योजना के तहत मिलने वाली राशि में दो हजार रुपये की रिश्वत लेना आंगनबाड़ी कार्यकत्री को भारी पड़ गया। विजिलेंस टीम ने आरोपित महिला को रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया है और उसे पूछताछ के लिए देहरादून लाया गया है।
विजिलेंस की टीम ने उधमसिंहनगर की आंगनबाडी कार्यकत्री कमलेश को रंगेहाथ पकड़ा। गिरफ्तारी के बाद सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) देहरादून की टीम ने आरोपित आंगनबाड़ी कार्यकत्री के घर की तलाशी लेने के साथ ही पूछताछ भी की। विजिलेंस के अनुसार शिकायतकर्ता ने सतर्कता अधिष्ठान के टोल फ्री नम्बर 1064 पर शिकायत दर्ज की। बताया कि उसकी बहन ने राजकीय कन्या इंटर कॉलेज सितारगंज से पढ़ाई की है।
इंटर की परीक्षा पास करने पर महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की नंदा गौरा योजना में उसने 40 हजार की धनराशि के लिये आवेदन किया था। आवेदन में कॉलेज के साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकत्री का प्रमाण पत्र भी लगता है। शिकायतकर्ता के अनुसार उनकी बहन के खाते में धनराशि आने के बाद आंगनबाड़ी कार्यकत्री कमलेश लगातार प्रमाण पत्र की एवज में ईनाम के रूप में बार-बार रिश्वत की मांग कर परेशान कर रही है। कानूनी कार्रवाई की मांग की गई। आज विजिलेंस ने आरोपित कमलेश पत्नी नन्हे सिंह गौतम, हाल निवासी वार्ड छह सितारगंज को गिरफ्तार कर लिया।
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हिन्दुस्थान समाचार / Vinod Pokhriyal